कोर्ट ने भारत सरकार से भी जवाब मांगा कि आपने विदेशी धरती की जेल में बंद अपने नागरिक को छुड़ाने के लिए क्या कदम उठाए हैं इसकी विस्तृत रिपोर्ट दें।
Karnataka HC warned Facebook: सऊदी अरब के जेल में बंद भारतीय नागरिक के मामले में जांच में सहयोग नहीं करने पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने फेसबुक को कड़े शब्दों में चेताया। हाईकोर्ट ने फेसबुक (मेटा) को मौखिक रूप से चेतावनी दी है कि अगर उसने फर्जी प्रोफाइल को लेकर पुलिस जांच में सहयोग नहीं किया तो वह भारत में अपने संचालन को बंद करने का आदेश दे सकती है। कोर्ट ने भारत सरकार से भी जवाब मांगा कि आपने विदेशी धरती की जेल में बंद अपने नागरिक को छुड़ाने के लिए क्या कदम उठाए हैं इसकी विस्तृत रिपोर्ट दें। केस की अगली सुनवाई 22 जून को की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
मंगलुरु का एक भारतीय नागरिक शैलेश कुमार सऊदी अरब में करीब ढाई दशक से काम कर रहा है। सऊदी अरब के राजा व इस्लाम के खिलाफ कथित रूप से एक अपमानजनक फेसबुक पोस्ट को लेकर जेल में है। उनकी पत्नी कविता ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की कि यह उनके पति की फर्जी प्रोफाइल थी, जिस पर अपमानजनक संदेश पोस्ट किया गया था।
कविता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि शैलेश पिछले 25 वर्षों से सऊदी अरब में काम कर रहा है। उन्होंने भारत सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) कदम के समर्थन में एक पोस्ट डाला था। उन्हें कथित तौर पर इस पोस्ट पर एक धमकी भरा कॉल आया जिसके बाद उन्होंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया। इसके बाद, कुछ बदमाशों ने उनके नाम से एक फर्जी अकाउंट बनाया और सऊदी राजा और इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट अपलोड किया। इस पोस्ट के बाद शैलेश को सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया। मुकदमा चलाया गया। वहां की कोर्ट ने 15 साल की जेल की सजा सुनाई। उसके द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर, उसकी पत्नी ने अपने पति के नाम पर फर्जी प्रोफ़ाइल के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज की। लेकिन पुलिस जांच में असफल साबित हुई तो 2021 में कविता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लगाई फेसबुक को फटकार
2021 में दायर कविता की याचिका पर बुधवार को जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने सुनवाई की। इसके पहले 12 जून को भी हाईकोर्ट ने सुनवाई की थी। उस सुनवाई में हाईकोर्ट ने मैंगलोर के पुलिस आयुक्त को इस केस का अध्ययन करने और उसके बाद बताने को कहा था कि जांच में देरी क्यों हुई। मैंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त कुलदीप कुमार जैन और मामले के जांच अधिकारी बुधवार को उच्च न्यायालय में उपस्थित हुए। पुलिस आयुक्त ने हाईकोर्ट को बताया कि जांच में देरी हुई है क्योंकि फेसबुक ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया है।
पुलिस की सूचना के बाद हाईकोर्ट ने लगाई फेसबुक को फटकार
जब उच्च न्यायालय ने फेसबुक के वकील से पूछताछ की तो वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें घटना के सटीक स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसने हाईकोर्ट ने फटकारते हुए चेतावनी दी कि अगर फेसबुक ने जांच में सहयोग नहीं किया तो फेसबुक के संचालन को बंद करने का आदेश देना होगा। अदालत की फटकार के बाद फेसबुक के वकील ने एक सप्ताह का समय मांगा। 22 जून तक कोर्ट की सुनवाई स्थगित करने के साथ फेसबुक से पूरी घटना और प्रासंगिक जानकारी एक विस्तृत रिपोर्ट के साथ मांगा। इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी एक रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक फर्जी मामले में विदेशी जेल में बंद भारतीय नागरिक को सुरक्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देने का भी निर्देश दिया।
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