Hijab row Latest news : जनवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी अौर मांड्या समेत कई जिलों में हिजाब को लेकर प्रदर्शन हुए। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। छात्राओं ने हाईकोर्ट में इसे इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा बताते हुए हिजाब की अनुमति देने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने फैसला आने तक हिजाब या अन्य किसी भी तरह के धार्मिक परिधान पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह आदेश उन स्कूल-कॉलेजों के लिए है, जहां ड्रेस कोड तय है।
बेंगलुरू। कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब (Hijab row) का मामला एक बार फिर गर्माया है। हाईकोर्ट में मामले पर बहस पूरी हो चुकी है। इस बीच मंगलुरु (Mangaluru) शहर से हिजाब के विवाद की खबर आई है। छात्रों के एक समूह ने दावा किया कि उन्हें मंगलुरु के पी दयानंद पाई सरकारी कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं को सिर पर शॉल पहनकर परीक्षा की अनुमति दी गई, लेकिन पिन नहीं लगाने दी गई, जो इसे हिजाब बनाती है। इसे लेकर छात्रों के एक गुट ने विरोध प्रदर्शन किया। ये छात्र हिजाब की अनुमति नहीं देने से नाराज थे। हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि किसी को भी धार्मिक पोशाक की अनुमति नहीं दी गई है और न ही दी जाएगी। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं हाईकोर्ट के आदेश के हिसाब से ही कराई जा रही हैं।
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हाईकोर्ट ने धार्मिक कपड़ों पर लगाई है रोक
जनवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी और मांड्या समेत कई जिलों में हिजाब को लेकर प्रदर्शन हुए। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। छात्राओं ने हाईकोर्ट में इसे इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा बताते हुए हिजाब की अनुमति देने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने फैसला आने तक हिजाब या अन्य किसी भी तरह के धार्मिक परिधान पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह आदेश उन स्कूल-कॉलेजों के लिए है, जहां ड्रेस कोड तय है।
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क्या था पूरा मामला
मामला तूल पकड़ने के बाद यह पुलिस के पास पहुंचा। मंगलुरु पुलिस का कहना है कि विरोध करने वाले छात्र दूसरे कॉलेज के थे। उन्हें प्रिंसिपल द्वारा शॉल पहनकर छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति की जानकारी हुई तो वे यहां धरना देने आ गए। हालांकि, घटना के बाद कॉलेज के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने कहा- हम विशेषज्ञ की राय के आधार पर कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के बाद, प्रिंसिपल ने कहा था कि कॉलेज उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश से चलेगा और छात्रों को हिजाब के साथ परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं देगा।
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