केजरीवाल ने अपने सहयोगियों को डिनर पर बुलाया, गारंटी कार्ड में शामिल वादों को पूरा करने को लेकर हुई चर्चा

Published : Feb 15, 2020, 11:56 PM IST
केजरीवाल ने अपने सहयोगियों को डिनर पर बुलाया, गारंटी कार्ड में शामिल वादों को पूरा करने को लेकर हुई चर्चा

सार

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 'केजरीवाल की 10 गारंटियां' नामक कार्ड जारी किया था। कार्ड में केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को कुछ गारंटी दी, जिसमें दो करोड़ पौधे लगाने, यमुना नदी को साफ करने और अगले पांच वर्षों में दिल्ली में प्रदूषण को कम करने की योजना शामिल है।

नई दिल्ली. तीसरी बार दिल्ली का मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से एक दिन पहले ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने संभावित कैबिनेट सहयोगियों के साथ रात्रिभोज किया और राष्ट्रीय राजधानी के विकास के ‘‘रोडमैप’’ पर चर्चा की। चर्चा में आगामी तीन महीनों के दौरान उठाए जाने वाले कदमों को प्राथमिकता दी गई।

आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों को बताया कि केजरीवाल ने मंत्रिपद की शपथ लेने जा रहे अपने सभी साथियों से 'गारंटी कार्ड' में शामिल वादों को प्रतिबद्धता के साथ पूरा करने के लिये कहा। उन्होंने कहा, 'हमें शपथ लेते ही गारंटी कार्ड में किये गए अपने वादों को पूरा करने की दिशा में काम शुरू करने के लिये कहा गया है।'

आप ने चुनाव से पहले जारी किया था गारंटी कार्ड

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 'केजरीवाल की 10 गारंटियां' नामक कार्ड जारी किया था। कार्ड में केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को कुछ गारंटी दी, जिसमें दो करोड़ पौधे लगाने, यमुना नदी को साफ करने और अगले पांच वर्षों में दिल्ली में प्रदूषण को कम करने की योजना शामिल है।

केजरीवाल ने रात्रिभोज कार्यक्रम के बारे में ट्वीट भी किया

उन्होंने लिखा, 'दिल्ली मंत्रिमंडल के नामित साथियों के लिये अपने आवास पर रात्रिभोज आयोजित किया। चुनाव में उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी और दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल की सफलता की कामना की।'

केजरीवाल रविवार सुबह 10 बजे अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ शपथ ग्रहण करेंगे। उनके साथ छह मंत्री भी शपथ लेंगे । इनमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम शामिल हैं। आप ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 62 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि भाजपा ने आठ सीटें जीतीं। कांग्रेस लगातार दूसरी बार खाता खोलने में नाकाम रही।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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