लोकसभा चुनाव: वायनाड में राहुल को चुनौती दे रहे भाजपा नेता ने खड़ा किया विवाद, दिया ये बयान

Published : Apr 11, 2024, 03:23 PM ISTUpdated : Apr 11, 2024, 03:25 PM IST
K Surendran

सार

केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा है कि चुनाव में जीत मिलने के बाद वह वायनाड के सुल्तान बाथरी शहर का नाम बदल देंगे। इसका नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा गया था।

वायनाड। केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनौती दे रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने अपने एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। सुरेंद्रन ने कहा है कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो वायनाड के सुल्तान बाथरी शहर का नाम बदल देंगे। इसका नाम गणपति वट्टम रखा जाएगा। सुल्तान बाथरी शहर मैसूर के शासक टीपू सुल्तान से जुड़ा हुआ है।

सुरेंद्रन ने दावा किया कि टीपू सुल्तान ने केरल खासकर वायनाड में लाखों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया था। उन्होंने कहा, "टीपू सुल्तान कौन है? जब वायनाड और यहां के लोगों की बात आती है तो टीपू सु्ल्तान का क्या महत्व है? उस स्थान (सुल्तान बाथरी) को गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। इसका नाम बदल दिया गया। कांग्रेस और LDF आज भी टीपू सुल्तान के साथ हैं। उसने कई मंदिरों पर हमले किए और केरल में लाखों हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराया। ऐसा खासकर वायनाड और मालावार क्षेत्र में हुआ।"

गौरतलब है कि भाजपा की ओर से पहले भी कहा गया है कि टीपू सुल्तान ने ध्रुवीकरण किया था। उसने मंदिरों को ध्वस्त किया था। भाजपा ने पहले कर्नाटक में टीपू जयंती मनाए जाने पर आपत्ति जताई थी।

सुल्तान बाथरी का नाम बदलने को लेकर दिए बयान के चलते सुरेंद्रन कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के महासचिव पीके कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि केरल में ऐसा कुछ नहीं होगा। कांग्रेस नेता और विधायक टी सिद्दीकी ने इसे "जनता का ध्यान खींचने का प्रयास" बताया है।

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सुल्तान बाथरी का इतिहास

सुल्तान बाथरी वायनाड के तीन नगरपालिका शहरों में से एक है। केरल टूरिज्म वेबसाइट के मुताबिक सुल्तान बाथरी को पहले गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। यह नाम विजयनगर काल के दौरान बने एक गणेश मंदिर के नाम पर रखा गया था। 1700 में मालाबार क्षेत्र पर टीपू सुल्तान ने हमला किया था। इसके बाद शहर का नाम बदला गया था। टीपू सुल्तान ने अपना गोला-बारूद और तोपखाना गणपति वट्टोम में फेंक दिया था। टीपू सुल्तान ने वहां एक किला भी बनवाया, जो अब खंडहर हो चुका है।

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