केरल में एक 17 साल की लड़की को हार्ट अटैक पड़ा और उसे हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए केरल के लोगों ने गजब की एकजुटता दिखाई। पेशेंट को लेकर एंबुलेंस ने सामान्य से आधे समय में दूरी तय कर ली।
Kerala Save Life. केरल के लोगों ने एक शानदार उदाहरण पेश किया है। एक 17 साल की लड़की को हार्ट अटैक का दौरा पड़ा और आनन-फानन में उसे हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए लोगों ने सहयोग किया। यही वजह रही कि 129 किलोमीटर की दूरी को तय करने में 4 घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है, एंबुलेंस ने वह दूरी सिर्फ 2.30 घंटे में ही तय कर ली और युवक की जान बचाई जा सकी।
केरल में हार्ट अटैक पेशेंट की कैसे बची जान
17 साल की लड़की को हार्ट अटैक आया और उसे तुरंत ही सेंट जांस हॉस्पिटल इडुक्की से अमृता हॉस्पिटल एर्नाकुलम पहुंचाया गया, जहां इमरजेंसी में ट्रीटमेंट द्वारा पेशेंट की जान बचाई जा सकी। यह एंबुलेंस दोपहर करीब 2 बजकर 15 मिनट पर अमृता हॉस्पिटल पहु्ंचा। सामान्य तौर पर यह दूरी तय करने में 4.30 घंटे का समय लगता है कि लोगों के सहयोग की वजह से एंबुलेंस ने यह दूरी सिर्फ 2.30 घंटे में ही पूरी कर ली। दो घंटे कम समय में एंबुलेंस एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तक पहुंच गया। इसकी लोग तारीफ भी कर रहे हैं।
एंबुलेंस ने तय की 129 किलोमीटर की दूरी
कटप्पना की एंबुलेंस ने करीब 129 किलोमीटर की दूरी तय की और पेशेंट को सही समय पर अमृता हॉस्पिटल पहुंचा दिया। यह एंबुलेंस चेरूथोनी-तोधुपुझा-मुवात्तुपुझा-वायटिल्ला-एडाप्पारूट के रास्ते हॉस्पिटल तक पहुंची। केरल के वाटर रिसोर्स मिनिस्टर द्वारा मीडिया को बताया कि अमृता हॉस्पिटल के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एन मारिया जॉय ने यह जानकारी दी। जिसके बाद मंत्रालय कार्यालय द्वारा रास्ते में पड़ने वाले लोगों से अपील की गई कि एंबुलेंस को जाने के लिए पर्याप्त जगह दी जाए। सरकार की इस पहल का लोगों ने खुलकर सपोर्ट किया। पहले मरीज को इडुक्की हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां अमृता हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की सलाह पर इलाज हुआ। फिर मरीज को अमृता हॉस्पिटल ले जाया गया। जब मरीज को एंबुलेंस से ले जाया गया तब ऑटो रिक्शा ड्राइवर, लोकल लोगों ने सड़कें खाली कर दी। यही वजह थी कि जिस दूरी को 4 घंटे में पूरा किया जाता है, उसे तीन घंटे से भी कम समय में पूरा कर लिया गया।
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