प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के वायनाड के भूस्खलन प्रभावित इलाकों की यात्रा की। इसके बाद कहा कि यह कोई सामान्य त्रासदी नहीं है। पैसे की कमी से कोई काम नहीं रुकेगा। केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी।
वायनाड। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल के वायनाड (Narendra Modi Wayanad Visit) जिले के चूरलमाला इलाके का दौरा किया। यहां 30 जुलाई 2024 को भूस्खलन हुआ था, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। पीएम ने हवाई सर्वेक्षण किया। वह राहत शिविर और अस्पताल गए।
निरीक्षण के बाद पीएम ने कहा , "ये त्रासदी सामान्य नहीं है। सैकड़ों परिवार के सपने उजड़ गए हैं। प्रकृति ने अपना जो रौद्र रूप दिखाया, मैंने वहां जाकर परिस्थिति को देखा है। मैं राह शिविर में इन परिवारों से मिला हूं। उस समय उन्होंने क्या झेला पूरा विवरण मैंने उनसे सुना है।"
उन्होंने कहा, “मैं अस्पताल में भी उन सभी मरीजों से मिला हूं जो इस आपदा के कारण अनेक प्रकार की चोट के कारण बहुत ही मुसीबत का समय बिता रहे हैं। ऐसे संकट के समय जब हम साथ मिलकर काम करते हैं तो कितना उत्तम परिणाम मिलता है। उसी दिन सुबह ही मैंने मुख्यमंत्री से बात की थी। कहा था कि हम हर प्रकार की व्यवस्था को मोबलाइज कर रहे हैं और जितना जल्द पहुंच सकते हैं पहुंचा रहे हैं।”
नरेंद्र मोदी बोले पैसे की कमी से केरल में नहीं रुकेगा काम
पीएम मोदी ने कहा, "एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, स्थानीय मेडिकल से लोग और एनजीओ, हर कोई बिना रुके तुरंत ही आपदा प्रभावित लोगों के मदद के लिए पहुंचने का प्रयास किया।"
उन्होंने कहा, "भारत सरकार और देश संकट की इस घड़ी में यहां के पीड़ितों के साथ है। केंद्र सरकार राज्य सरकार को पूरी मदद दे रही है। भारत सरकार राज्य सरकार के साथ खड़ी रहेगी। मैं नहीं मानता हूं कि धन के अभाव में यहां कोई का रुकेगा। जहां तक जान हानि हुई है। मृतकों के परिजनों के लिए लंबे समय की योजना हम लोगों को बनानी होगी। मैं आशा करता हूं कि राज्य सरकार उसपर विस्तार से काम करेगी। इसमें जो कुछ भारत सरकार अपना हाथ बंटा सकती है बंटाएगी।"
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नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैंने एक ऐसी आपदा को बहुत निकट से देखा हुआ है। अनुभव किया हुआ है। 1979 में गुजरात के मोरबी में एक डैम था। भारी बारिश हुई और पूरा डैम नष्ट हो गया। पूरा पानी मोरबी शहर में घुस गया। पूरे शहर में 10-12 फीट पानी था। 2.5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। मैं करीब छह महीने वहां रहा था। एक स्वयं सेवक के रूप में काम करता था। कीचड़ के चलते किस प्रकार की समस्या होती है मैंने इसका अनुभव किया है।
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