
Nimisha Priya Death Penalty Postponed: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में दी जाने वाली फांसी फिलहाल टाल दी गई है। पहले उन्हें 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है। यह खबर सामने आने के बाद उनके परिवार और पूरे देश को राहत मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यमन में कानूनी प्रक्रिया के तहत उनकी सजा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अब उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार और अन्य राजनयिक प्रयासों से उनकी जिंदगी बचाई जा सकेगी।
निमिषा प्रिया का मामला काफी संवेदनशील था, लेकिन इसके बावजूद भारत सरकार लगातार यमन के अधिकारियों के संपर्क में थी। आखिरकार सरकार की कोशिशों का असर हुआ और निमिषा की फांसी कुछ समय के लिए टाल दी गई। हालांकि, यह फांसी कितने समय के लिए टली है, इस बारे में अब तक कोई साफ जानकारी नहीं दी गई है।
केरल की 38 साल की नर्स निमिषा प्रिया 2008 में नौकरी की तलाश में यमन गई थीं। वहां उन्होंने एक निजी क्लिनिक शुरू किया। लेकिन यमन के कानून के मुताबिक, वहां बिजनेस शुरू करने के लिए किसी स्थानीय नागरिक के साथ लेना जरूरी था। इसलिए निमिषा ने यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी को अपना साझेदार बनाया।
आरोप है कि तलाल ने निमिषा के साथ धोखा किया, उनके पैसे हड़प लिए और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने लगा। साल 2017 में जब निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश की, तो उन्होंने तलाल को बेहोश करने के लिए उसे दवा दी। लेकिन दवा ज्यादा हो गई और उसकी मौत हो गई। डर के कारण निमिषा ने एक दूसरी नर्स की मदद से शव के टुकड़े कर पानी की टंकी में छिपा दिया। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने हत्या स्वीकार कर ली, जिसके बाद सना की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुना दी।
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बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत सरकार ने कहा कि निमिषा की जान बचाने का एक ही रास्ता है। अगर पीड़ित परिवार 'ब्लड मनी' यानी मुआवजा लेने के लिए तैयार हो जाए। सरकार ने परिवार को 10 लाख अमेरिकी डॉलर यानी कि करीब 8.5 करोड़ रुपये की पेशकश की है। लेकिन फिलहाल पीड़ित परिवार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है।