भगवान का देश कहे जाने वाले दक्षिणी तटीय राज्य केरल में कई दिनों तक मूसलाधार बारिश और फिर हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। वायनाड में आई तबाही ने 300 से अधिक जिंदगियां लील ली हैं।
Wayanad Landslide Army rescue operations: केरल के वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही के बाद कई दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना के तीनों विंग के अलावा एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और तमाम संगठन फंसे लोगों को निकालने, आवश्यक मदद पहुंचाने में लगे हुए हैं। वायनाड में सेना के प्रयासों से प्रेरित होकर क्लास-3 के बच्चे ने आर्मी को इमोशनल करने वाला लेटर लिखा है। बच्चे ने सेना में बड़ा होकर शामिल होने की भी इच्छा जताई है।
इंडियन आर्मी से बेहद प्रभावित है रेयान
छात्र रेयान, वायनाड के एएमएलपी स्कूल के क्लास-3 में पढ़ता है। वह सेना के मदद और कामों से बेहद प्रभावित हुआ है कि उसने इंडियन आर्मी में बड़े होकर भर्ती होने की इच्छा जताई है।
रेयान ने मलयालम में लिखा: प्रिय भारतीय सेना, मेरे प्यारे वायनाड में भारी भूस्खलन हुआ, जिससे तबाही और विनाश हुआ। मलबे में फंसे लोगों को बचाते हुए आपको देखकर मुझे गर्व और खुशी हुई। मैंने अभी-अभी वह वीडियो देखा जिसमें आप अपनी भूख मिटाने के लिए बिस्कुट खा रहे हैं और पुल बना रहे हैं। उस दृश्य ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैं एक दिन भारतीय सेना में शामिल होकर अपने देश की रक्षा करने की इच्छा रखता हूँ।
सेना ने भी नन्हें योद्धा का हौसला बढ़ाया
रेयान के लेटर के जवाब में भारतीय सेना ने उसके लेटर का जवाब दिया है। सेना ने अपने नन्हें योद्धा को धन्यवाद भी दिया है। यह जवाब भारतीय सेना के दक्षिणी कमांड के एक्स हैंडल पर पोस्ट किया गया है।
प्रिय मास्टर रेयान, आपके दिल से निकले शब्दों ने हमें गहराई से छुआ है। विपत्ति के समय में, हमारा लक्ष्य आशा की किरण बनना है और आपका पत्र इस मिशन की पुष्टि करता है। आप जैसे नायक हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करते हैं। हम उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जब आप वर्दी पहनेंगे और हमारे साथ खड़े होंगे। साथ मिलकर, हम अपने देश को गौरवान्वित करेंगे। युवा योद्धा, आपके साहस और प्रेरणा के लिए धन्यवाद।
वायनाड बेहद भयानक दौर से गुजर रहा
भगवान का देश कहे जाने वाले दक्षिणी तटीय राज्य केरल में कई दिनों तक मूसलाधार बारिश और फिर हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। वायनाड में आई तबाही ने 300 से अधिक जिंदगियां लील ली हैं। सैकड़ों लोग लापता हैं। चार गांव बह गए हैं। शनिवार को बचाव दल में 500 से अधिक सैनिकों वाली सेना की टीमें भूस्खलन से प्रभावित चाय बागानों और गांवों तक पहुंचे। भूस्खलन की वजह से सभी सड़कें व अन्य संपर्क टूट चुके हैं। सेना द्वारा अस्थायी पुलों को बनाने के बाद राहत पहुंच रही है। बीते दिनों भारतीय सेना के मद्रास इंजीनियरिंग समूह ने 190 फीट लंबे बेली ब्रिज का निर्माण पूरा किया जो वायनाड में मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करेगा। पुल का निर्माण बुधवार रात 9.30 बजे शुरू हुआ और गुरुवार शाम 5.30 बजे तक पूरा हो गया। चाय बागानों के लिए मशहूर वायनाड में भूस्खलन की घटनाएं सबसे भयानक थीं। यह 2018 में राज्य में बाढ़ में लगभग 400 लोगों की मौत के बाद से सबसे दर्दनाक है।
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