कोलकाता फोन कॉल फ्रॉड: बुज़ुर्ग महिला से 78 लाख की ठगी-कैसे हुआ बड़ा स्कैम?

Published : Nov 20, 2025, 07:06 AM IST
 Kolkata Woman Loses 78 Lakh Phone Call Parcel Drug Fraud

सार

एक बुज़ुर्ग महिला को फर्जी पुलिस कॉल आया कि उसके नाम के पार्सल में ड्रग्स मिले हैं। डराकर उससे 78 लाख रुपये “RBI सिक्योरिटी अमाउंट” में जमा कराए गए। पुलिस ने केस ट्रैक कर गुजरात से तीन आरोपियों को पकड़ा, नेटवर्क अब भी जांच में है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रहने वाली एक बुज़ुर्ग महिला के साथ ऐसा धोखा हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। सिर्फ एक ऑटोमेटेड फोन कॉल, एक झूठा डर और एक फर्जी “कस्टमर केयर नंबर” ने उसकी जिंदगी की सारी जमा-पूंजी छीन ली। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि फोन कॉल फ्रॉड, ऑनलाइन स्कैम, और फर्जी पुलिस ऑफिसर बनकर ठगी जैसी घटनाएं कितनी तेजी से बढ़ रही हैं। इसका खुलासा करीब डेढ़ साल बाद बुधवार को कोलकाता पुलिस ने तब किया, जब उसके हत्थे इस स्कैम से जुड़े तीन स्कैमर हाथ लगे। जिन्होंने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने बुजुर्ग महिला से 78 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की है।

कब और कैसे हुआ महिला के साथ फ्रॉड?

कोलकाता पुलिस ने बताया कि साइबर क्राइम विंग ने संदिग्धों को गुजरात के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया। मामला 9 मार्च 2024 का है, जब कोलकाता की रहने वाली एक महिला के मोबाइल पर एक अजीब-सा कॉल आया, तो उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि यह उसकी जिंदगी का सबसे महंगा कॉल बनने वाला है। कॉल में बताया गया कि उसके नाम पर एक पार्सल “कैंसल” हो गया है। महिला ने सोचा कि शायद यह किसी ऑनलाइन ऑर्डर का मामला है। इसलिए उसने बिना कुछ सोचे, मैसेज में दिए “कस्टमर केयर नंबर” पर कॉल कर लिया।

स्कैमर ने महिला को क्या कहकर फंसाया?

यहीं से शुरू हुआ एक ऐसा फ्रॉड, जिसमें उसे डराया गया, धमकाया गया और उसके नाम पर ड्रग्स से भरा पार्सल भेजने का आरोप लगाकर उसकी मानसिक हालत कमजोर की गई। फर्जी कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस ऑफिसर बताया और कहा कि पार्सल में 200 ग्राम कॉन्ट्राबैंड मिला है। महिला बार-बार कहती रही कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन स्कैमर्स ने कहानी को और डरावना बनाते हुए कहा कि उसके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हुआ है और उसके बैंक अकाउंट पर शक है।

पैसे का ट्रांजेक्शन कैसे और कहां कराया?

डर के माहौल में महिला को कहा गया कि वह आरबीआई में सिक्योरिटी अमाउंट जमा करे, जिससे उसका नाम “क्लीन” हो सके। सबसे खतरनाक बात-उसे यह भी कहा गया कि वह इस बारे में किसी से बात न करे। डर और घबराहट में महिला ने स्कैमर्स द्वारा दिए गए अकाउंट में 78.3 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उसने अपनी गलती समझी, तब जाकर उसने पुलिस से संपर्क किया। कोलकाता पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने तुरंत कार्रवाई की। मनी ट्रेल का पता लगाया गया और लगातार डिजिटल ट्रैकिंग के बाद गुजरात के अलग-अलग इलाकों से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क के बाकी सदस्यों को खोजने में जुटी है।

क्या एक ऑटोमेटेड कॉल आपकी सारी बचत छीन सकता है?

कई बार स्कैमर्स एक साधारण IVR कॉल या रिकॉर्डेड मैसेज भेजकर लोगों को डर में डाल देते हैं। कॉल में पार्सल, पुलिस, बैंक, ड्रग्स या टैक्स जैसे शब्द सुनकर लोग घबरा जाते हैं और बिना जांच के तुरंत कॉल बैक कर देते हैं। यही गलती इस महिला ने भी कर दी।

फर्जी पुलिस ऑफिसर और आरबीआई के नाम पर कैसे चलते हैं फ्रॉड?

फ्रॉड करने वाला खुद को मुंबई पुलिस ऑफिसर बताकर महिला पर दबाव बनाता रहा। यह एक पुरानी लेकिन बेहद प्रभावी रणनीति है। लोगों को विश्वास दिलाया जाता है कि उनका नाम किसी क्राइम में फंस गया है, और इससे बाहर निकलने के लिए उन्हें पैसे "सिक्योरिटी" के नाम पर जमा करने होंगे।

पुलिस ने गुजरात तक कैसे ट्रेस किया पूरा मनी ट्रेल?

78 लाख जैसे बड़े अमाउंट को ट्रेस करना आसान नहीं होता, लेकिन साइबर क्राइम टीम ने बैंक लेन-देन, डिजिटल ट्रांजेक्शन, और मोबाइल लोकेशन के जरिए स्कैमर्स का पूरा नेटवर्क पकड़ लिया।

 

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