सोनम वांगचुक ने किया लद्दाख पश्मीना मार्च कैंसिल, बोले-सरकार नहीं चाहती कि चुनाव में लोग जाने चीन ने कितनी जमीन कब्जा किया

सोनम वांगचुक, पश्मीना मार्च के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन द्वारा किए जा रहे कब्जा को देश के सामने रखना चाहते थे। वह लगातार यह दावा कर रहे हैं कि चीन हमारी जमीन कब्जा कर रहा है लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है। शनिवार को वांगचुक

Pashmina March called off: लद्दाख के शिक्षाविद् सोनम वांगचुक ने एलएसी तक प्रस्तावित पश्मीना मार्च कैंसिल कर दिया है। लद्दाख प्रशासन द्वारा धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाकर मार्च को अनुमति नहीं देने और क्षेत्र में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद वांगचुक ने एक दिन पहले मार्च कैंसिल करने की घोषणा की है। सोनम वांगचुक, पश्मीना मार्च के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन द्वारा किए जा रहे कब्जा को देश के सामने रखना चाहते थे। वह लगातार यह दावा कर रहे हैं कि चीन हमारी जमीन कब्जा कर रहा है लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है। शनिवार को वांगचुक ने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि चुनाव के दौरान सच सामने आए और वोट बैंक प्रभावित हो।

हमें परेशान करने की कोशिश की जा रही

Latest Videos

वांगचुक ने कहा कि इस शांतिपूर्ण आंदोलन को परेशान करने की कोशिश की जा सकती है और फिर इसे हिंसा के लिए दोषी ठहराया जा सकता है। इस मार्च को लद्दाख में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को अस्वीकार करने का बहाना बनाया जा सकता है। इसलिए हमने पश्मीना मार्च को कैंसिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में आंदोलन ने देश भर के लोगों में जागरूकता पैदा की है। सरकार को डर है कि सीमा मार्च से चुनाव और उनके वोट बैंक पर असर पड़ सकता है। इसलिए उन्होंने शांति भंग करने की कीमत पर भी मुझे सीमा तक मार्च करने से रोकने का फैसला किया।

हम देश को बता चुके कि सीमा पर भारतीय जमीनों के साथ क्या हो रहा

सरकार के नियंत्रण उपायों को पागलपन बताते हुए वांगचुक ने कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्र में शांति पर इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं और इसलिए हमने मार्च वापस लेने का फैसला किया है। मार्च को रोकने का सरकार का कोई भी प्रयास स्पष्ट संकेत है कि सरकार यह छिपाना चाहती है कि चीन ने लद्दाख में कितनी जमीन हड़प ली है। हमारा उद्देश्य पहले ही हासिल हो चुका है। देश को इस बात से अवगत कराना था कि लद्दाख और उसके चरागाहों में क्या हो रहा है, सीमा पर भारतीय भूमि के साथ क्या हो रहा है।

दरअसल,सोनम वांगचुक ने चुंगथुंग सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक मार्च का आह्वान किया था। वह इस मार्च का ऐलान इसलिए किए थे ताकि यह दिखाया जा सके कि चीन ने 2020 से कितनी जमीन हड़प ली है। हालांकि, प्रशासनिक सख्ती और धारा 144 लगाकर उनके मार्च को अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने इसे कैंसिल करने का ऐलान कर दिया।

यह भी पढ़ें:

राजनीति से हर भारतीय प्रभावित लेकिन वकीलों और न्यायधीशों की वफादारी संविधान के प्रति हो: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

Share this article
click me!

Latest Videos

Manmohan Singh Death News: जुड़े हाथ, भावुक चेहरा... मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन को पहुंचे PM Modi
Manmohan Singh Last Rites: कब और कहां होगा होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार? क्या है प्रोटोकॉल
LIVE🔴:भारत मंडपम में वीर बाल दिवस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी का भाषण | PM Modi
Pushpa-2 Stampede Case: Allu Arjun के पहुंचने से पहले ही भीड़ हो गई थी अनियंत्रित, CCTV ने खोले राज
अब पानी पर चीन करेगा कब्जा! भारत बांग्लादेश को होगी मुश्किल