उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद 100 से अधिक लोग लापता हैं। रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चला। इस बीच खबर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है। अब इस झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जिलाधिकारी के एहतियातन टिहरी बांध से पानी छोड़ने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद 100 से अधिक लोग लापता हैं। रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चला। इस बीच खबर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है। अब इस झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जिलाधिकारी के एहतियातन टिहरी बांध से पानी छोड़ने का निर्देश दिया है।
झील के फटने का खतरा बना है
दरअसल, ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के ऊपरी हिस्से में एक झील बन गई है। यहां भारी मात्रा में पानी भर गया है। ऐसे में झील के निचले हिस्से में बने बांध से पानी नियंत्रित तरीके से छोड़ा जा रहा है। अगर झील फटी तो बांध का पानी और झील में जमा पानी दोनों निचले इलाकों में बड़ी तबाही मचा सकते हैं।
खराब मौसम का अनुमान नहीं था
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 7 और 8 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली, तपोवन और जोशीमठ में किसी भी खराब मौसम की उम्मीद नहीं है। आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा कि चमोली, तपोवन और जोशीमठ में दो दिन शुष्क मौसम की संभावना है।
150 लोगों के लापता होने का डरा
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और पुलिस प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चला रही है। चमोली के तपोवन के पास सुरंग से सभी 16 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 12 और लोगों को दूसरी सुरंग से निकाला गया है। हालांकि, लगभग 150 लोग कथित रूप से अभी भी लापता हैं।
मृतकों के परिजनों को 4 लाख रु
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है। वहीं पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए देने को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी कहा कि गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे।