प्रशासन की तरफ से यह स्पष्टीकरण तब आया, जब कुछ मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि लक्षद्वीप प्रशासन ने अपने कानूनी क्षेत्राधिकार को केरल हाईकोर्ट से कर्नाटक हाईकोर्ट शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से ये खबर दी थी।
कोच्चि. लक्षद्वीप प्रशासन ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया कि उनका कानूनी अधिकार क्षेत्र केरल हाईकोर्ट से कर्नाटक हाईकोर्ट शिफ्ट किया जा रहा है। लक्षद्वीप के जिला कलेक्टर एस अस्कर अली ने कहा, कानूनी अधिकार क्षेत्र को केरल से कर्नाटक शिफ्ट करने की खबर निराधार है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। लक्षद्वीप प्रशासन का केरल हाईकोर्ट से कर्नाटक हाईकोर्ट में अपने कानूनी अधिकार क्षेत्र को शिफ्ट करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
प्रशासन को क्यों देना पड़ा स्पष्टीकरण?
प्रशासन की तरफ से यह स्पष्टीकरण तब आया, जब कुछ मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि लक्षद्वीप प्रशासन ने अपने कानूनी क्षेत्राधिकार को केरल हाईकोर्ट से कर्नाटक हाईकोर्ट शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से ये खबर दी थी।
हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र को कानून के अनुसार सिर्फ संसद के अधिनियम के जरिए ही शिफ्ट किया जा सकता है। संविधान के अनुच्छेद 241 के मुताबिक, संसद ही कानून के जरिए केंद्र शासित प्रदेश के लिए हाईकोर्ट का गठन कर सकती है।