स्वतंत्रता दिवस: राहुल गांधी को बैठाने को लेकर बवाल, कांग्रेस का मोदी पर निशाना

स्वतंत्रता दिवस समारोह में राहुल गांधी को पांचवीं लाइन में बैठने की व्यवस्था पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इसे पीएम और सरकार की छुद्र मानसिकता बताया है, जबकि रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आगे की सीटें ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए रिजर्व थीं।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 15, 2024 1:24 PM IST / Updated: Aug 15 2024, 11:27 PM IST

Lal Quila Independence day: लाल किला पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। समारोह में राहुल गांधी को पांचवीं लाइन में बैठने की व्यवस्था की गई थी जबकि केंद्रीय मंत्रियों या उनके लेवल के व्यक्तियों के लिए पहली लाइन में व्यवस्था की गई थी। नेता प्रतिपक्ष का लालकिला समारोह में पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के बाद बैठे हुए फोटो सामने आया है। कांग्रेस ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की छुद्र मानसिकता करार दिया है। मोदी सरकार ने नेता प्रतिपक्ष को 5वीं लाइन में बैठाकर लोकतांत्रिक मानदंडों की अवहेलना की है। मोदी सरकार के कार्यकाल के 10 साल में यह पहली बार है कि नेता प्रतिपक्ष लाल किला पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मौजूद रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने बयान दिया है कि राहुल गांधी को इसलिए पीछे की सीट दी गई क्योंकि आगे की सीटें ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए रिजर्व थीं। पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने वाले इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में स्पेशल गेस्ट थे। फ्रंट लाइन ओलंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर, सरबजोत सिंह वगैरह के लिए रिजर्व थी। नेता प्रतिपक्ष को ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह, पीआर श्रीजेश के भी पीछे सीट दी गई थी।

कांग्रेस ने मोदी और केंद्र सरकार पर साधा निशाना

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लाल किला पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में पांचवीं लाइन में सीट देने पर मोदी सरकार की काफी आलोचना हो रही है। कांग्रेस ने इसे मोदी की छोटी सोच करार दिया है। कांग्रेस ने कहा: यह प्रधानमंत्री की संकीर्णता और लोकतांत्रित परंपराओं के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पद किसी भी केंद्रीय मंत्री से बड़ा होता है। लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद आते हैं। राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय समारोह का राजनीतिकरण करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं। आपसे इसकी उम्मीद नहीं थी।

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