केरल के वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा के बाद, सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता का लाभ उठाने की कोशिश में ग्रामीण बैंक ने भूस्खलन पीड़ितों से तुरंत EMI वसूलना शुरू कर दिया है।
कलपेट्टा: वायनाड में भूस्खलन पीड़ितों से बैंक लोन की वसूली तुरंत नहीं करने के स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (SLBC) और सरकार के आश्वासन खोखले साबित हुए हैं। चुरलमाला के केरल ग्रामीण बैंक ने कर्जदारों से EMI वसूलना शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से मिली आर्थिक सहायता के खाते में आते ही, आपातकालीन जरूरतों के लिए रखी गई राशि को बैंक ने एक झटके में वसूल लिया है।
पुंचीरी मट्टम की मिनिमोल ने घर बनाने के लिए चुरलमाला के ग्रामीण बैंक से 50,000 रुपये का कर्ज लिया था। उन्हें उम्मीद थी कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र होने के कारण, कुछ समय के लिए लोन की किस्त नहीं देनी पड़ेगी। लेकिन, उनके खाते से एकमुश्त पैसे कटने से मिनिमोल चिंता में हैं।
यह सिर्फ एक व्यक्ति की समस्या नहीं है। मुंडाकाई, चुरलमाला, पुंचीरी मट्टम जैसे इलाकों के एस्टेट मजदूर कर्ज के लिए सबसे ज्यादा ग्रामीण बैंक पर ही निर्भर थे। भूस्खलन की चपेट में आए इन गरीबों की ही सरकारी सहायता राशि को बैंक ने हड़प लिया है।
भूस्खलन पीड़ित राजेश ने केरल ग्रामीण बैंक से मवेशी खरीदने के लिए कर्ज लिया था। बाढ़ में उनका घर और मवेशी सबकुछ बह गया। सिर्फ जान बची है। सरकार की ओर से उनके खाते में आर्थिक सहायता आते ही, बैंक ने किस्त की रकम काट ली।
हालांकि बैंकों ने कर्ज माफ नहीं किया है, लेकिन आपदा पीड़ितों की मांग है कि उन्हें किस्त चुकाने के लिए कुछ मोहलत दी जाए। ग्रामीण बैंक का कहना है कि इस बारे में कोई भी फैसला SLBC की विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद ही लिया जा सकता है।