श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल में सुरंग निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट में काम कर रहे लोगों पर आतंकियों ने हमला किया। इसके चलते एक डॉक्टर और छह प्रवासी मजदूर की मौत हुई है। द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नाम के आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
द रेजिस्टेंस फ्रंट पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का ऑफशूट है। प्रतिबंध से बचने के लिए आतंकी संगठन अपना नाम बदल लेते और नए नाम से वारदात को अंजाम देते हैं। द रेजिस्टेंस फ्रंट इसी तरह अस्तित्व में आया है।
TRF प्रमुख शेख सज्जाद गुल है हमले का मास्टरमाइंड
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार TRF प्रमुख शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड है। TRF के स्थानीय मॉड्यूल ने उसके इशारे पर पहली बार कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को एक साथ निशाना बनाकर हमला किया है। TRF के लिए प्रवासी लोगों को निशाना बनाना नई बात नहीं है। यह आतंकी संगठन कश्मीर में एक्टिव है। इसने कश्मीरी पंडितों, सिख और गैर स्थानीय लोगों पर पिछले डेढ़ साल में कई हमले किए हैं। इसके हमले में कई कश्मीरी पंडित मारे गए हैं।
TRF के आतंकियों ने पिछले एक महीने से गंदेरबल जिले के सोनमर्ग इलाके में स्थित सुरंग निर्माण स्थल की रेकी की थी। दो से तीन आतंकवादी द्वारा हमला किए जाने का शक है। जिस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है वह गगनेर को गंदेरबल में सोनमर्ग से जोड़ेगी। इससे बर्फबारी और खराब मौसम में भी सड़क यातायात बंद नहीं होगा। सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और अन्य कर्मचारी देर शाम अपने शिविर में लौट रहे थे तभी आतंकियों ने हमला कर दिया।
क्या है द रेजिस्टेंस फ्रंट?
TRF पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद सहित कई आतंकी संगठनों का मिश्रण है। इसका नाम द रेजिस्टेंस फ्रंट इसलिए रखा गया है ताकि धार्मिक रंग न दिया जाए। इसे कश्मीर के लोगों का आंदोलन बताया जा सके। पाकिस्तान अपने आतंकी संगठनों का नाम इसी तरह बदलता रहता है ताकि FATF (Financial Action Task Force) की जांच से बच सके।
लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद दोनों संगठन के नाम में धार्मिक शब्द है। नया आतंकी संगठन बनाने के समय पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। उसकी कोशिश कश्मीर में आतंकवाद को स्थानीय विरोध बताने की है। इसके चलते द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम रखा।
FATF ने आतंकी संगठनों को मदद देने के चलते 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। टीआरएफ 2020 से जम्मू-कश्मीर में हमलों की जिम्मेदारी ले रहा है। इसके नेतृत्व में साजिद जट्ट, सज्जाद गुल और सलीम रहमानी शामिल थे। ये सभी लश्कर से जुड़े थे। जनवरी 2023 में केंद्र सरकार ने टीआरएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था। कहा था कि यह हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा का “प्रॉक्सी” है।
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