कोयले की कमी(Coal Crisis) के चलते भीषण गर्मी में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश समेत देश के तमाम राज्यों में बिजली संकट(Power Crisis) पैदा हो गया है। इस संकट से निपटने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी पहल की है। कई राज्यों में 8-10 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री बिजली संकट को लेकर बयान दे रहे हैं।
नई दिल्ली. कोयले की कमी के चलते दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश समेत देश के तमाम राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं। इस समस्या का समाधान करने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी पहल की है। उन्होंने 2 मई को एक मीटिंग की है। मीटिंग में कोयला मंत्री, उर्जा मंत्री और रेल मंत्री भी मौजूद रहे। बता दें कि अघोषित बिजली कटौती से आम लोगों के साथ-साथ फैक्ट्री मालिक भी परेशान हैं। कई राज्यों में 8-10 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री बिजली संकट को लेकर बयान दे रहे हैं।
गर्मियों में बढ़ जाती है बिजली की डिमांड
मार्च में बिजली की डिमांड 8.9 फीसदी बढ़ गई है। हर साल गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ जाती है।एक दिन में बिजली की पीक डिमांड अप्रैल में 207.11 गीगावॉट रही। 2021 में यही 182 गीगावॉट और 2020 में 133 गीगावॉट थी। भारत में पिछले 4 साल में सबसे अधिक बिजली की डिमांड है। बिजली संकट के लिए मुफ्त में बिजली देने की होड़ और विद्युत कंपनियों का राज्यों पर 1 लाख करोड़ से अधिक की बकाया है। हालांकि इसके बावजूद राज्यों की बिजली नहीं रोकी गई है।
6 साल बाद सबसे अधिक संकट
बिजली का संकट पिछले 6 साल में सबसे अधिक है। पावर सिस्टम ऑपरेशन कार्पोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 6 वर्षों में पहली बार इस तरह का बिजली संकट पैदा हुआ है। अप्रैल-2022 के पहले 27 दिन में मांग की तुलना में 1.88 बिलियन यूनिट बिजली का संकट बना रहा। पिछले साल अक्टूबर में भी बिजली संकट गहरा गया था। लेकिन इस बार हालात और अधिक खराब हैं। अगर सिर्फ ओडिशा की बात करें, तो कोयले के अभाव में एनटीपीसी का एक संयंत्र बंद है, इससे 800 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है।
महाराष्ट्र जैसे राज्यों पर सबसे अधिक बकाया
कोल इंडिया की सबसे बड़ी बकायेदार महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी है। इस कंपनी पर कोल इंडिया का 2,608.07 करोड़ रुपए बकाया है। पश्चिम बंगाल पावर डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (WPDCL) पर 1,066.40 करोड़ रुपए बाकी है। कोल इंडिया सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की बिजली उत्पादन कंपनियों पर बकाया बहुत ज्यादा है।
एक चौथाई प्लांट बंद
देश के करीब 16 राज्यों में बिजली संकट है। कई राज्यों में 10-10 घंटे तक 'बत्ती गुल' रहने लगी है। कोयले की कमी(Coal crisis) के चलते करीब एक चौथाई पावर प्लांट बंद हैं। हालांकि बिजली संकट( power crisis) के बीच राहत की खबर है कि कोल इंडिया( Coal India) का प्रॉडक्शन 27% बढ़ा है।
यह भी पढ़ें
क्यों न गुल हो बत्ती, राज्य सरकारों पर कोल इंडिया का 6,477 करोड़ रुपए बकाया, महाराष्ट्र सबसे बड़ा बकायेदार
बिजली संकट के बीच कोल इंडिया ने दी Good News, प्रॉडक्शन 27% बढ़ा, यानी बत्ती नहीं, जल्द टेंशन होगी 'गुल'