जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? LG मनोज सिन्हा का ग्रीन सिग्नल

Published : Oct 19, 2024, 07:26 PM IST
CM Omar Abdullah

सार

जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनते ही पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग उठी है। उमर अब्दुल्लाह सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार क्या फैसला लेती है।

Jammu Kashmir statehood: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का मामला अब केंद्र के पाले में पहुंच चुका है। केंद्र शासित राज्य में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने पहली कैबिनेट में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया। कैबिनेट के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी प्रस्ताव को मंजूरी देकर फाइनल निर्णय लेने के लिए केंद्र के पाले में गेंद डाल दिया है।

4 नवम्बर को जम्मू-कश्मीर का पहला सेशन

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र 4 नवम्बर से शुरू होने जा रहा है। इसके पहले ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कैबिनेट मीटिंग कर केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव भेजा। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। सीएम उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होते ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों फिर से मिल जाएंगे। जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से कहा गया कि सीएम, सत्र के पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए बात करेंगे।

क्या है जम्मू-कश्मीर का पूरा मामला?

जम्मू-कश्मीर को 5 अगस्त 2019 के पहले तक स्पेशल स्टेटस मिला हुआ था। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही इस प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख। हालांकि, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाए जाने के बाद केंद्रीय कानूनों के अधीन विधानसभा के गठन का अधिकार मिला। दरअसल, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत केंद्र शासित राज्य की अधिकतर शक्तियां उप-राज्यपाल में निहित होती हैं।

केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार चुनाव?

केंद्र शासित राज्य बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार 2024 में विधानसभा चुनाव हुए हैं। 2014 के बाद पहली बार यहां हुए इलेक्शन में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिली है। नेशनल कांफ्रेंस को 42 सीटें तो कांग्रेस को 6 सीटें हासिल हुई हैं। बीजेपी को 29 सीट और पीडीपी को 3 सीटें मिली। आम आदमी पार्टी भी एक सीट पर जीत हासिल की है जबकि 8 अन्य चुनाव जीते हैं।

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