श्री अन्न पर बना गाना: पीएम मोदी ने गाना शेयर कर किया ट्वीट, बोले-बाजरे में स्वास्थ्य और आरोग्य की प्रचुरता

पीएम मोदी ने म्यूजिक कंपोज करने और गाना रिलीज करने वाली फालू म्युजिक की तारीफ करते हुए ट्वीट किया कि Falu Music का उत्कृष्ट प्रयास।

नई दिल्ली। मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए देश ही नहीं पूरी दुनिया में अभियान चलाया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिए लगातार अपील कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र आमसभा (United Nations General Assembly) में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर घोषित किया गया है। पीएम मोदी के अभियान से प्रेरित होकर इस पर गाना भी बना है। प्रधानमंत्री ने इस गाने को शेयर करते हुए मोटे अनाजों की खूबियां गिनाई है।

मोटे अनाजों को लेकर बनें म्यूजिक पर पीएम मोदी ने किया ट्वीट

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पीएम मोदी ने म्यूजिक कंपोज करने और गाना रिलीज करने वाली फालू म्युजिक की तारीफ करते हुए ट्वीट किया कि Falu Music का उत्कृष्ट प्रयास। श्री अन्न या बाजरे में स्वास्थ्य और आरोग्य की प्रचुरता होती है। इस गीत के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और भूख मिटाने के एक महत्वपूर्ण कारण के साथ रचनात्मकता का मेल हुआ है।

 

 

यहां सुन सकते हैं मोटे अनाज पर बना गाना...

क्या होते हैं मोटे अनाज?

दरअसल, भारत में पहले कई प्रकार के अनाज उगाए जाते थे। इसमें मोटे अनाज भी शामिल थे जो देश की गरीब किसान या छोटे जोत वाले किसान उगाते थे। यह मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी, मड़ुवा, सावां, कोदों, कुटकी, कंगनी, चीना आदि हैं। लेकिन बाद के दिनों में दुनिया के तमाम शोध में यह तथ्य सामने आए कि ये सभी मोटे अनाज स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभदायक हैं। यह पौष्टिकता से भरपूर हैं।

मोटे अनाजों को प्रोत्साहन

मोटे अनाजों को प्रोत्साहन देने के लिये कई कदम उठाये गये, जिनमें उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में पोषक अनाज को शामिल करना और कई राज्यों में कदन्न मिशन की स्थापना करना शामिल है। इसके बावजूद उत्पादन, वितरण और उपभोक्ताओं द्वारा मोटे अनाजों को अपनाने से जुड़ी कई चुनौतियां कायम हैं। अब यह तय किया है कि ‘कैलरी सिद्धांत’ से हटाकर ज्यादा विविध खाद्यान्न नीति लागू की जाए जिसमें मोटे अनाज को शामिल किया जाये। जानकारों का मानना है कि इससे स्कूल जाने की आयु से छोटे बच्चों और प्रजनन-योग्य महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार लाया जा सकेगा। नीति आयोग और विश्व खाद्य कार्यक्रम का इरादा है कि इन चुनौतियों का समाधान व्यवस्थित और कारगर तरीके से किया जाये।

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