दिल्ली दंगे पर अमित शाह, मैंने ही डोभाल को भेजा, मैं नहीं गया क्योंकि पुलिस मेरे पीछे ही लगी रहती

होली की छुट्टी के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आज फिर से शुरू हुई। इस दौरान दोनों सदनों में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा में विपक्ष ने 7 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए जमकर नारेबाजी की। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2020 5:11 AM IST / Updated: Mar 11 2020, 07:25 PM IST

नई दिल्ली. लोकसभा में अमित शाह ने दिल्ली हिंसा पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए। सबसे पहले उन्होंने दंगे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। अमित शाह ने कहा, दिल्ली हिंसा को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया गया। मैं दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके अलावा जो लोग इस हिंसा में घायल हुए हैं उनके प्रति भी अपना दुख व्यक्त करता हूं और उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

- "हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि किसी निर्दोष को दिक्कत न हो। दो एसआईटी टीम बनाई गई है। मान्यवर 152 हथियार बरामद किए गए है, जो दंगे के अंदर इस्तेमाल किए गए। कॉन्सपेरेसी का भी केस दर्ज किया गया। ऐसा दंगा तभी संभव है जब पहले से प्लानिंग की गई हो।" 

- "दोषियों को पकड़ने के लिए 40 टीमों का गठन किया गया। बयानों की वीडियोग्राफी हो रही है। जिन्होंने भी दंगा करने की हिम्मत की है वह कानून से इधर-उधर भाग नहीं पाएंगे। हमने पूरी चिंता की। मैंने खुद मीटिंग ली है। जांच की प्रक्रिया में किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा। गिरफ्तार वहीं होगा, जिसके खिलाफ सबूत होगा। सबूत पहले पुलिस जांचेगी। इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।" 

- "मान्यवर मैं इस दंगे की पृष्ठभूमि में जाना चाहूंगा। हमने पूरी लोकतांत्रिक तरीके से बिल पास किया है। सीएए के बिल को लेकर सदन में पूरी स्पष्टता थी। लेकिन देश में युवाओं को गुमराह किया गया।"

- "सीएए पर मुस्लिमों को गुमराह किया गया। कहा जा रहा है कि कोई ऐसा कानून नहीं, जो धर्म के आधार पर हो, मैं 25 ऐसे कानून जानता हूं जो धर्म के आधार पर है। मैं पटल पर रखूंगा। कई कानून धर्म के आधार पर बने हैं।"

- "सीएए के विरोध में लोग बैठे थे, सीएए के पक्ष में लोग निकले तो दंगे हो गए, ऐसा नहीं है। इससे पहले भी सीएए के समर्थन में रैलियां निकली, लेकिन कहीं पर भी ऐसा नहीं हुआ। अब बताता हूं कि ऐसा क्यों हुआ। 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में सीएए के विरोध में रैली हुई। भाषण हुआ कि घर के बाहर निकलो। आरपार की लड़ाई लड़ो। अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाए जाओगे। विपक्ष के यह स्पीच नहीं दिखी।" 14 दिसंबर की रैली के बाद 16 दिसंबर से शाहीनबाग में धरना शुरू हो गया। 17 फरवरी को एक स्पीच हुई। भाषण दिया गया कि 24 तारीख को डोनाल्ड ट्रम्प आएंगे तब लोगों को रोड पर आने का आह्ॉन करेंगे।"

- "19 फरवरी को वारिस पठान कहते हैं कि हक मांगने से नहीं मिलता, छीनना पड़ता है। मान्यवर 24 फरवरी को दंगा हो जाता है। मान्यवर बयान वापस लेने से कुछ नहीं होता। हेड स्पीच अपना असर दिखाती है। ऐसे भाषणों के बाद 23 फरवरी की रात दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर विवाद हुआ, जो 24 फरवरी को दंगे में बदल गया।"

- "सोशल मीडिया के माध्यम से करीब 60 अकाउंट ऐसे मिले जो 22 फरवरी को बंद हो गए। जहां पर भी अकाउंट बनाने वाले हैं पुलिस खोजकर निकालेगी। 25 मामले आईटी एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं। पैसा भी दिल्ली में पहुचाया गया है। हम इसकी तह तक जाएंगे। सोशल मीडिया से भड़काया गया है।"

- "ट्रम्प आए तभी करो, ऐसे भाषणों से भड़काया गया। ये पूरा दंगा जो हुआ है, उसके अंदर बहुत सारी प्रॉपर्टी जली है। मुझे दुख है। मैं कहना चाहता हूं कि क्लेम कमीशन के गठन के लिए पत्र (दिल्ली हाईकोर्ट के जज को) लिखा है। जिन्होंने संपत्ति जलाई है उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाए।"  

- "52 भारतीयों की मौत हुई है। 142 भारतीयों के घर जले हैं। ओवैसी जी ने बड़े जुनून के साथ कहा कि मस्जिद जले। ओवैसी साहब मंदिर भी जले हैं।"

- "मान्यवर, 73% लोग कांग्रेस के शासन में हुए दंगों में मारे गए। मैंने दंगो के दौरान शांति की अपील की। मैंने कभी ऐसा नहीं कहा कि बड़ा वृक्ष गिरता है तो धरती हिल जाती है। मैंने ऐसा नहीं किया। जब तक भाजपा की सरकार नहीं आई, तब तक कांग्रेस का एक भी नेता पकड़ा नहीं गया।" 
 

- पुलिस ने दंगाईयों को भगाने के लिए पत्थर चलाए। वह दंगाईयों के साथ नहीं थे। लगभग 5 हजार से ज्यादा टीयर गैस के गोले छोड़े गए हैं।  

- "कुछ लोगों ने कहा कि CRPF, मिलिट्री भेजनी चाहिए थी। 23 तारीख़ को 17 कंपनी दिल्ली पुलिस की, 13 कंपनी CRPF की मिलाकर कुल 30 कंपनियां क्षेत्र में पहले से ही रखी गई थी।"

- "27 फरवरी से लेकर अब तक लगभग 700 FIR दर्ज की गई हैं।"

- "दिल्ली की जनसंख्या 1.7 करोड़ है। हिंसा की चपेट में आए इलाके की आबादी 20 लाख। दिल्ली पुलिस ने हिंसा को नियंत्रित किया। दंगों को 4% भौगोलिक क्षेत्र और दिल्ली की 13% आबादी तक सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया।"

"36 घंटे में पुलिस ने दंगे को रोका"

अमित शाह ने कहा, दंगा प्रभावित इलाकों में 20 लाख आबादी रहती है। दिल्ली पुलिस ने दंगे को फैलने से रोका। दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में दंगे को रोका। विपक्ष को तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का अधिकार नहीं है।  

"दंगा प्रभावित जगहों पर मैं नहीं गया, डोभाल को भेजा"

"मैंने ही अजीत डोभाल से विनती की। मेरे कहने पर ही वे दंगा प्रभावित इलाकों में गए। मैं इसलिए नहीं गया, क्योंकि मैं जानता था कि मैं वहां जाता तो पुलिस मेरे पीछे ही लगी रहती। विगत कुछ दिनों में जिस प्रकार से देश और दुनिया में इन दंगों को प्रस्तुत किया जा रहा है और आज भी इस सदन में जिस प्रकार से रखने का प्रयास हुआ है, मैं बड़े संयम के साथ इसको स्पष्ट करना चाहूंगा। मैं पूरे समय दिल्ली पुलिस के साथ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ आगरा और डिनर पर भी मैं नहीं गया।" 

7 सांसदों को बहाल करने का निर्णय

बजट सत्र 2020 के दूसरे चरण में जारी सदन की कार्यवाही में आज भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। जिसके बाद स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। विपक्ष के हंगामे के बाद स्पीकर ने आल पार्टी की बैठक की, जिसमें 7 निलंबित सांसदों को बहाल करने का निर्णय लिया। जिसके बाद लोकसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा की शुरूआत हुई। इस दौरान विपक्ष ने गृहमंत्री के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया तो वहीं NSA के कदम पर खुशी भी जताई। 

दिल्ली में बीजेपी सांसदों ने शांती लाईः मीनाक्षी 

लोकसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर जारी चर्चा के बीच विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आजादी के बाद सबसे ज्यादा दंगे कांग्रेस के कार्यकाल में हुए। टॉप 10 दंगे कांग्रेस के समय में हुए। 2002 के बाद गुजरात में कोई दंगे नहीं हुए। आज दिल्ली रो रही होगी। लोगों ने मुफ्त बिजली और पानी के लिए एक पार्टी को वोट दिया। लेकिन हमने देखा कि दंगे में करोड़ों का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली बीजेपी के सांसदों ने शांति लाई। अगर अजीत डोभाल हिंसाग्रस्त इलाकों में जाते हैं तो क्या गलती है। वह NSA हैं, कांग्रेस नफरत की राजनीति करती है। 

विपक्ष द्वारा सवाल उठाया गया कि हिंसा के दौरान गृहमंत्री क्या कर रहे थे। जिस पर सांसद ने कहा कि 24 फरवरी को गृह मंत्री बैठक कर रहे थे। गृह मंत्रालय के सभी अधिकारी बैठक में थे। अमित शाह ने 1 बजे तक अधिकारियों को निर्देश दिया। 25 फरवरी की सुबह उन्होंने फिर अधिकारियों के साथ बैठक की।  हिंसा रोकने के लिए उन्होंने उच्च नेताओं से मुलाकात की। 26 फरवरी को उन्होंने फिर बैठक की। 

मीनाक्षी लेखी ने कपिल मिश्रा का किया समर्थन 

बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा का समर्थन किया। बीजेपी सांसद ने कहा कि शरजील इमाम की हरकतों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वो लोग जो पीएम को कातिल और अमित शाह को तड़ीपार कहते हैं। आप कपिल मिश्रा को दिल्ली हिंसा के लिए कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। पूरी हिंसा सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर हुई। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 14 फरवरी को सोनिया गांधी ने कहा कि कायर हैं वो लोग जो घर से नहीं निकले। इसके बाद उमर खालिद ने कहा कि सड़कों पर उतरना है। वारिस पठान ने कहा कि हम 15 करोड़ हैं लेकिन सबपर भारी पड़ेंगे, इनके बयानों के लिए कपिल मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। 


डोभाल के सड़क पर उतरते हिंसा थम गईः अधीर 

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने NSA अजीत डोभाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अजीत डोभाल के सड़क पर उतरते ही हिंसा थम गई। जहां अजीत डोभाल जा सकते हैं वहां अमित शाह क्यों नहीं जा सकते। गृह मंत्री के अलावा दो गृह राज्य मंत्री हैं उसके बाद भी अजीत डोभाल हिंसाग्रस्त इलाकों में गए। दिल्ली के कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके पास नहीं है। 

सरकार बालाकोट में स्ट्राइक कर सकती है, लेकिन हिंसा नहीं रोक सकती। अधीर रंजन ने कहा कि सरकार कोशिश करती तो दिल्ली हिंसा को रोका जा सकता था। ये देश की राजधानी है, यहां की पुलिस को हम मॉडर्न मानते हैं। हथियार की कोई कमी नहीं है। फिर ये घटना क्यों घटी। तीन दिन लगातार ये घटना कैसे घटी. सरकार को जवाब देना होगा। गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन तक कहां थे। दिल्ली के कानून की जिम्मेदारी उनके पास है। अधीर रंजन ने कहा कि जब दिल्ली जल रही थी तो अहमदाबाद में ट्रंप का स्वागत किया जा रहा था। तीन दिन तक दिल्ली में जो हिंसा हुई उसमें आपकी क्या जिम्मेदारी थी। 

दिल्ली की खून की होली हमारा पीछा नहीं छोड़तीः अधीर 

लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने कहा कि काफी समय से इस चर्चा की मांग हो रही थी। होली का त्योहार खत्म हुआ है लेकिन दिल्ली की खून की होली हमारा पीछा नहीं छोड़ती। सारे हिंदुस्तानी बैचेन हैं और जानना चाहते हैं कि कैसे ये घटना हुई और सरकार क्या कार्रवाई कर रही है कि दोबारा ऐसी घटना नहीं हो। उन्होंने कहा कि हिंसा में किसी की जय नहीं होती। पराजय सिर्फ इंसानियत की होती है। कोई कहता है कि कहीं हिंदू मरे, कहीं मुस्लिम मरे, लेकिन मरा तो एक इंसान है। 

सदन में जो घटना घटित हुई उससे मैं दुःखीः बिरला 

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि दुनिया के अंदर भारत के लोकतंत्र की चर्चा होती है और हमने इस देश में कई उतार चढ़ाव देखे। जब-जब भी संसद पर बात आई तो सभी दलों ने संसदीय मर्यादाओं की चर्चा की। संसद देश की 130 करोड़ की जनता की उम्मीदों का मंदिर है। सब चाहते हैं कि संसद में वाद-विवाद सही से हो। स्पीकर ने कहा कि पिछले 8 महीने संसद में आप सबके सहयोग से एक कीर्तिमान स्थापित हुआ। जनता का विश्वास संसद के प्रति बढ़ता जा रहा है। सदन में जो घटना पिछले दिनों घटी उससे मुझे पीड़ा हुई। मैं नहीं चाहता कि सदन में व्यवधान पैदा हो।

एक हफ्ते बाद माने स्पीकर 

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सांसदों के रवैये से काफी नाराज चल रहे थे। एक हफ्ते बाद स्पीकर की नाराजगी समाप्त हुई है। इससे पहले सदन की कार्यवाही में लोकसभा स्पीकर हिस्सा नहीं ले रहे थे। बताया जा रहा था कि स्पीकर विपक्षी सांसदों द्वारा अभद्रता किए जाने से नाराज थे। 

5.30 बजे शाह देंगे जवाब 

दिल्ली हिंसा को लेकर सरकार आज यानी 11 मार्च को चर्चा करने के लिए तैयार है। देर शाम 5.30 बजे गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष के सवालों के जवाब देंगे। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने आज लोकसभा में 'दिल्ली के कुछ हिस्सों में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की मांग की है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस ने ‘दिल्ली हिंसा और उपचार प्रक्रिया’ पर नियम 267 के तहत तत्काल चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है।

2 मार्च से नहीं चला सदन

दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों में 2 मार्च से ही विपक्ष का हंगामा जारी है। जिसके कारण पिछले एक हफ्ते से संसद की कार्यवाही ठप्प पड़ी हुई है। विपक्ष 23 फरवरी से 25 फरवरी के बीच दिल्ली में हुई हिंसा पर चर्चा कराए जाने और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। 

राज्यसभा में नोटिस 

कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा ने राज्यसभा में 'दिल्ली में दंगा प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने और एक स्वतंत्र जांच आयोग गठित करने' की जरूरत पर सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है। जबकि तृणमूल कांग्रेस ने ‘दिल्ली हिंसा और उपचार प्रक्रिया’ पर नियम 267 के तहत तत्काल चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है।

कांग्रेस के 7 सांसद किए गए हैं निलंबित 

लोकसभा में विपक्ष निलंबित सांसदों को लेकर हंगामा कर सकता है। दरअसल, लोकसभा स्पीकर ने कांग्रेस पार्टी के 7 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों द्वारा सदन के भीतर बदतमीजी करने, स्पीकर से कागज छिनने, सांसदों से धक्का -मुक्की करने के कारण यह कार्रवाई की है। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सांसदों के इस हरकत से इतना नाराज है कि पिछले दिनों हुई सदन की कार्यवाही में शामिल तक नहीं हुए। 
 

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