असम के इस परिवार मे हैं 1200 से अधिक सदस्य, वोट डालते हैं 350 लोग, लगा रहता है नेताओं का तांता

Published : Apr 15, 2024, 10:44 AM ISTUpdated : Apr 15, 2024, 10:46 AM IST
Ron Bahadur Thapa family

सार

असम के सोनितपुर के फुलोगुरी नेपाली पाम में रहने वाले दिवंगत रॉन बहादुर थापा के परिवार में 350 वोटर हैं। इस परिवार में करीब 1200 लोग हैं। 

सोनितपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए असम में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। इस बीच राज्य का एक परिवार चर्चा में है। इस परिवार में 5-10 या 20 नहीं 1200 से अधिक सदस्य हैं। इनमें से 350 वोट डालते हैं। एक ही परिवार में इतने अधिक वोटर होने के चलते इनके यहां वोट मांगने के लिए नेताओं का तांता लगा रहता है।

यह परिवार असम के सोनितपुर जिले के फुलोगुरी नेपाली पाम में रहता है। परिवार के मुखिया दिवंगत रॉन बहादुर थापा थे। यह जिला रंगपारा विधानसभा क्षेत्र और सोनितपुर संसदीय क्षेत्र के दायरे में आता है। 19 अप्रैल को परिवार के सभी मतदाता वोट डालने जाएंगे।

रॉन बहादुर थापा की 5 पत्नियां थीं

रॉन बहादुर थापा अपने पिता के साथ असम के फुलोगुरी नेपाली पाम आए थे। रॉन बहादुर थापा की 5 पत्नियां थीं। वह 12 बेटों और 9 बेटियों के पिता थे। उनके 150 से अधिक पोते-पोतियां हैं। अब उनके परिवार के सदस्यों की संख्या 1200 से अधिक हो गई है। इनमें से करीब 350 लोकसभा चुनाव में वोट डालने योग्य हैं। फुलागुड़ी नेपाली पाम में एक ही पूर्वज के लगभग 300 परिवार रहते हैं।

परिवार में हैं 1200 से अधिक लोग

रॉन बहादुर थापा के बेटे तिल बहादुर थापा नेपाली पाम गांव के मुखिया हैं। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार में करीब 150 वोटर हैं। उन्होंने कहा, "मेरे पिता 1964 में मेरे दादाजी के साथ यहां आए थे। वह असम में बस गए। मेरे पिता की पांच पत्नियां थीं। हमारे 12 भाई और 9 बहनें हैं। उनके बेटों से 56 पोते-पोतियां थीं। मुझे नहीं पता कि बेटी से कितने पोते-पोतियां हैं। इस चुनाव में हमारे परिवार के लगभग 350 सदस्य वोट डालने के पात्र हैं। यदि हम सभी बच्चों की गिनती करें तो हमारे परिवार के कुल सदस्य 1200 से अधिक होंगे।"

थापा परिवार को केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलता। तिल बहादुर थापा ने कहा, "हमारे बच्चों ने उच्च शिक्षा ली है, लेकिन उन्हें कोई सरकारी नौकरी नहीं मिली। परिवार के कुछ बच्चे बेंगलुरु गए तो उन्हें प्राइवेट जॉब मिली। कुछ बच्चे मजदूरी करते हैं। मैं 1989 से मुखिया हूं। मेरे आठ बेटे और तीन बेटियां हैं।"

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परिवार के सदस्यों के अनुसार रॉन बहादुर की मौत 1997 में हुई थी। वह अपने पीछे बड़ा परिवार छोड़ गए। रॉन बहादुर के एक और बेटे सरकी बहादुर थापा की तीन पत्नियां हैं। उन्हें 12 बच्चे हैं।

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