क्या राजनीतिक दलों के बंद हो जाएगी फ्री की रेवड़ी देने वाली स्कीम? आज SC मुफ्त देने का वादा के खिलाफ याचिका पर करेगा सुनवाई

Published : Mar 21, 2024, 01:07 PM ISTUpdated : Mar 21, 2024, 01:59 PM IST
Supreme Court  delhi

सार

ANI के मुताबिक याचिका में इस बात को शामिल किया गया है कि गलत तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए जनता को दिए जाने वाले लालची ऑफर पर बैन लगाना चाहिए।

लोकसभा चुनाव 2024।आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के पहले सुप्रीम कोर्ट एक बड़ा फैसला ले सकता है। आज गुरुवार (21 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दलों द्वारा चुनावों के दौरान मुफ्त देने का वादा करने के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ समेत जज जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने बुधवार को मामले में याचिकाकर्ता के वकील द्वारा मामले की शीघ्र सुनवाई के बाद आज सुनवाई करने का फैसला किया है। उन्होंने मुफ्त वादा के खिलाफ दायर याचिका को महत्वपूर्ण करार दिया है। 

ANI के मुताबिक याचिका में इस बात को शामिल किया गया है कि गलत तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए जनता को दिए जाने वाले लालची ऑफर पर बैन लगाना चाहिए। ये संविधान का उल्लंघन करते हैं। इसके लिए चुनाव आयोग को कड़े-से-कड़े नियम लागू करने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने वकील और PIL दायर करने वाले अश्विनी उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया की दलीलों पर ध्यान दिया कि याचिका पर लोकसभा चुनाव से पहले सुनवाई की जरूरत है। जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ये आग्रह किया है कि चुनाव से पहले सार्वजनिक पैसे से मुफ्त सुविधाओं का वादा मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित करता है। 

इससे समान अवसर को बाधित करता है और चुनाव प्रक्रिया को खराब करता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुफ्त सुविधाएं देकर मतदाताओं को प्रभावित करने की राजनीतिक दलों की हालिया प्रवृत्ति न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है, बल्कि संविधान की भावना को भी चोट पहुंचाती है।

जनहित याचिका में कई बातों में शामिल किया गया

जनहित याचिका में कहा गया है कि यह गलत तरीके से सत्ता में बने रहने के लिए सरकारी खजाने की कीमत पर मतदाताओं को रिश्वत देने जैसा है। लोकतांत्रिक सिद्धांतों और प्रथाओं को बनाए रखने के लिए इससे बचा जाना चाहिए। चुनाव आयोग को चुनाव चिह्न आदेश 1968 के प्रासंगिक पैराग्राफ में एक अतिरिक्त शर्त जोड़ने का निर्देश देने की भी मांग की गई है, जो एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता की शर्तों से संबंधित है कि एक राजनीतिक दल वादा नहीं करेगा। इसके अलावा चुनाव से पहले सार्वजनिक पैसे से मुफ़्त चीज़ें नहीं बांटे।

ये भी पढ़ें: इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई पर राहुल बोले- देश में नहीं लोकतंत्र, PM कर रहे क्रिमिनल एक्शन

PREV

Recommended Stories

केरल में NDA की शानदार जीत से गदगद हुए पीएम मोदी, बोले- थैंक्यू तिरुवनंतपुरम
डिजिटल अरेस्ट करके 82 साल के बुजुर्ग से ठगे 1.16 cr., 3 पकड़े गए तो सामने आए और चौंकाने वाले सच