दिग्गजों के बीच मुकाबला: मंडी में 'क्वीन' कंगना और 'शहजादा' विक्रमादित्य के बीच हो रही कांटे की टक्कर

Published : May 15, 2024, 03:36 PM ISTUpdated : May 15, 2024, 03:38 PM IST
Kangana Ranaut vs Vikramaditya Singh

सार

हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत और कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के बीच कांटे की टक्कर हो रही है।

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट पर दो दिग्गज आमने-सामने हैं। यहां बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत (भाजपा उम्मीदवार) और शहजादा विक्रमादित्य सिंह (कांग्रेस प्रत्याशी) के बीच कांटे की टक्कर हो रही है।

क्षेत्रफल की दृष्टि से मंडी हिमाचल का सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है। इसमें सुदूर लाहौल और स्पीति के अलावा मंडी, कुल्लू और चंबा जिले शामिल हैं। यहां 1 जून को मतदान होना है। कंगना रनौत ने अब तक कम से कम एक बार सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया है।

बयानों के लिए चर्चा में रहीं हैं कंगना रनौत

कंगना रनौत चुनाव प्रचार के दौरान अपने बयानों के लिए चर्चा में रहीं हैं। उन्होंने विक्रमादित्य को 'छोटा पप्पू' कहा था, जिसके बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी थी। वह अपनी सभाओं में महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर खूब बातें करती हैं। उन्होंने मंडी के शाही परिवार के वंशज होने के लिए विक्रमादित्य को "शहजादा" कहा है।

PWD मंत्री हैं विक्रमादित्य सिंह

कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य कांग्रेस की हिमाचल सरकार में PWD मंत्री हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ विद्रोह में लगभग इस्तीफा दे दिया था। वह खुद की छवि हिंदुत्व समर्थक और राम मंदिर समर्थक की पेश कर रहे हैं। दूसरी ओर कंगना रनौत भी हिंदुत्व और राम मंदिर को लेकर कांग्रेस पर जोरदार प्रहार कर रहीं हैं।

स्थानीय भाजपा नेताओं के अनुसार कंगना चुनाव में पूरी ताकत लगा रहीं हैं। वह रोज 8-10 कार्यक्रम में शामिल होती हैं। रात को पार्टी कार्यकर्ताओं के घर पर ठहरती हैं। उनके निजी स्टाफ के रूप में केवल उनके चचेरे भाई हैं।

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मंडी में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है। भाजपा ने पहली बार 1989 में मंडी सीट जीती थी। भाजपा उम्मीदवार महेश्वर सिंह कुल्लू के शाही परिवार के वंशज थे। विक्रमादित्य के परिवार के लोग लंबे समय तक इस सीट से सांसद रहे हैं। 2014 और 2019 में मंडी सीट भाजपा के राम स्वरूप शर्मा ने जीती थी। शर्मा के निधन के बाद 2021 में हुए उपचुनाव में विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह ने सीट वापस ले ली।

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