लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने 370 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए भाजपा की कोशिश उत्तर भारत के राज्यों में 2019 जैसी सफलता दोहराने के साथ ही दक्षिण में अपनी ताकत बढ़ाने की है।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर अपना वादा पूरा किया था। इसका जिक्र करते हुए पीएम ने भाजपा के लिए 370 जीतने का टारगेट रखा था।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 303 सीटों पर जीत मिली थी। पीएम मोदी के मिशन 370 को सच्चाई में बदलने के लिए पार्टी को 2019 से भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा। लोकसभा चुनाव 543 सीटों पर होते हैं। भाजपा को अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने के लिए न केवल उन राज्यों में अपने 2019 के कारनामों को दोहराना होगा जहां वह क्लीन स्वीप या लगभग क्लीन स्वीप के लिए गई थी, बल्कि उन राज्यों में भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा जहां उसने आधी से अधिक सीटें जीती थीं। पार्टी को ऐसे राज्यों में भी सीटें जीतनी होगी जहां उसकी स्थिति पहले मजबूत नहीं रही है।
इन राज्यों में भाजपा को दोहरानी होगी 2019 जैसी सफलता
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक में लगभग क्लीन स्वीप किया था। हालांकि पार्टी को हरियाणा और राजस्थान में कड़ी टक्कर मिली थी। 2023 के चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के सामने पार्टी को 2019 की तरह 24-25 सीटें दिलाने की चुनौती है। राज्य में लोकसभा की 25 सीटें हैं।
किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए भाजपा के सामने हरियाणा में 2019 की तरह 2023 में भी सभी 10 सीटें जीतने की चुनौती है। पार्टी ने यहां सीएम बदला है। मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया है।
महाराष्ट्र में 2019 के चुनाव में एनडीए को 48 में से 41 सीटों पर जीत मिली थी। उस समय भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन था। अब शिवसेना दो हिस्से में टूट गई है। शिवसेना का एक गुट (एकनाथ शिंदे गुट) एनडीए में है। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला शिवसेना का गुट विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में शामिल है। भाजपा की कोशिश इस बार महाराष्ट्र में 2019 से बेहतर प्रदर्शन करने की है।
इन राज्यों में भाजपा को बेहतर करना होगा प्रदर्शन
इस बार भाजपा को 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में अपना प्रदर्शन 2019 से बेहतर करना होगा। 2019 के चुनाव में भाजपा को 18 सीटों पर जीत मिली थी। 370 के टारगेट को पूरा करने के लिए भाजपा की नजर दक्षिण के राज्यों पर है। 2019 के चुनाव में भाजपा को 25 सीटों वाले आंध्र प्रदेश में एक भी सीट नहीं मिली थी। इस बार भाजपा ने TDP और जनसेना के साथ गठबंधन किया है।
यह भी पढ़ें- वार-पलटवार: पीएम मोदी ने किया पलटवार तो राहुल गांधी का आया जवाब, बोले-मेरे शब्दों को दूसरा अर्थ निकालने की उनकी आदत
तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा को यहां पांच सीटों पर जीत मिली थी। पार्टी इस प्रदर्शन को और बेहतर करने की कोशिश में जुटी है। 2019 के चुनाव में तमिलनाडु और केरल में भाजपा का खाता नहीं खुला था। पार्टी दोनों राज्यों में इस बार अपना प्रदर्शन बेहतर करने की कोशिश कर रही है। पार्टी को उम्मीद है कि इसका फायदा चुनाव परिणाम में दिखेगा। भाजपा को 370 सीटें जीतने के लिए 2019 की तुलना में 67 सीटें अधिक जीतनी होगी। इसके लिए पार्टी का विशेष ध्यान दक्षिण भारत के राज्यों पर है।