लोकसभा में 25 विधेयक पारित हुए, सदन की प्रोडक्टिविटी ऐतिहासिक 167% रही: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को संसद के मानसून सत्र के समापन पर मानसून सत्र की ऐतिहासिक उपलब्धियों का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने कहा,  सदन और उसके अध्यक्ष की गरिमा संसदीय प्रणाली में सबसे अहम पहलू है। सभी सदस्यों का यह कर्तव्य है कि वे इसके मूल्यों का सम्मान करें। 

नई दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को संसद के मानसून सत्र के समापन पर मानसून सत्र की ऐतिहासिक उपलब्धियों का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने कहा, सदन और उसके अध्यक्ष की गरिमा संसदीय प्रणाली में सबसे अहम पहलू है। सभी सदस्यों का यह कर्तव्य है कि वे इसके मूल्यों का सम्मान करें। यह हमारे लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस सत्र में लोकसभा में व्यापक चर्चा के साथ 25 विधेयक पास हुए। साथ ही सदन की प्रोडक्टिविटी 167% रही।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, लोकसभा और राज्यसभा हमारे लोकतंत्र की छवि हैं। उन्होंने कहा, सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में व्यापक बहस और चर्चाएं हुईं।

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'लोकसभा की प्रोडक्टिविटी ऐतिहासिक रही'
स्पीकर ओम बिरला ने कहा, राजनीतिक पार्टियों और सदस्यों के सहयोग से लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 167% रही। यह ऐतिहासिक है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के खतरे के बावजूद संसद के इस सत्र में सदस्यों की हाजिरी काफी अधिक रही। यह लोगों में सकारात्मक संदेश पहुंचाती है और लोगों का लोकतांत्रिक संस्थानों के प्रति विश्वास मजबूत करती है। 

लोकसभा में 60 घंटे काम हुआ- स्पीकर
ओम बिरला ने कहा, लोकसभा में तय 37 घंटे के बजाय 60 घंटे काम हुआ। उन्होंने कहा, कोरोना के दौरान लोकसभा उत्पादकता के न्यूनतम नुकसान के साथ बेहतर ढंग से कार्य करने में सक्षम थी।

लोकसभा स्पीकर ने कहा, भारत में लोकतांत्रिक परंपराएं गहरी हैं। उन्होंने कहा, 1952 से जब पहला लोकसभा चुनाव हुआ था, सरकार के संसदीय रूप में लोगों का विश्वास बढ़ा है और इस बात पर निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए कि कैसे और मजबूत किया जाए। 

'सभी को नियमित समय दिया गया'
प्रश्नकाल की रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए, लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सदस्यों को लोगों के कल्याण से संबंधित मामलों को उठाने के लिए सभी सदस्यों को नियमित समय दिया गया। उन्होंने शून्यकाल में सदस्यों की भागीदारी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, सदस्यों को महत्वपूर्ण विधेयकों पर अपनी बात रखने की अनुमति दी गई। सभी को चर्चा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। 

लोकसभा में 25 बिल हुए पास
बिरला ने बताया कि लोकसभा में 2300 प्रश्नों के जवाब दिए गए और 25 विधेयकों को पारित किया गया। उन्होंने कहा कि कृषि संबंधी विधेयकों समेत सभी बिलों को सदन में व्यापक चर्चा के बाद पारित किया गया। 

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