CPIM new General Secretary: CPI(M) के 24वें पार्टी कांग्रेस में एमए बेबी को नया महासचिव नियुक्त किया गया है। पॉलित ब्यूरो में तमिलनाडु को दो प्रतिनिधि, पी.के. श्रीमथी और तारिगामी को उम्र सीमा में छूट। जानिए पूरी रिपोर्ट।
CPIM new General Secretary: मदुरै में चल रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] के 24वें पार्टी कांग्रेस में बड़ा बदलाव किया गया है। वरिष्ठ नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य एमए बेबी को पार्टी का नया महासचिव चुना गया। वह केरल से इस पद तक पहुंचने वाले ईएमएस नंबूदरीपाद के बाद दूसरे नेता बने हैं। हालांकि, प्रकाश करात भी केरल से हैं लेकिन उन्होंने दिल्ली यूनिट का प्रतिनिधित्व किया था।
CPI(M) की केंद्रीय समिति में 84 सदस्य हैं। एक पद खाली है। केंद्रीय समिति ने MA Baby के नाम पर औपचारिक मुहर लगाई। एमए बेबी की उम्र 72 वर्ष है। वह मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बाद केरल के सबसे वरिष्ठ नेता माने जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एमए बेबी की नियुक्ति पर पोलित ब्यूरो के पांच सदस्यों ने विरोध जताया था। विरोध करने वालों में पश्चिम बंगाल के सूर्यकांत मिश्रा, निलोत्पल बसु, मोहम्मद सलीम, रामचंद्र डोम और महाराष्ट्र के अशोक धावले शामिल हैं। बावजूद इसके पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने एमए बेबी के नाम का समर्थन किया।
पार्टी ने 75 साल की तय उम्र सीमा में ढील देते हुए पी.के. श्रीमथी और मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को केंद्रीय समिति में बनाए रखा है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, जो इस समय 79 साल के हैं, उन्हें भी पोलित ब्यूरो में बने रहने की अनुमति मिली है।
नए पोलित ब्यूरो में मारियम धावले, जितेंद्र चौधरी, अमरा राम, विजू कृष्णन, अरुण कुमार, स्रीदीप भट्टाचार्य, यू वासुकी और के बालकृष्णन जैसे चेहरे शामिल हुए हैं। यू वासुकी और के बालकृष्णन की नियुक्ति से तमिलनाडु को दो प्रतिनिधित्व मिला है। प्रकाश करात, वृंदा करात और माणिक सरकार जैसे पुराने नेता अब विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। राज्यसभा सांसद और पत्रकार से नेता बने जॉन ब्रिटास को भी केंद्रीय समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता और CITU प्रमुख डीएल कराड ने केंद्रीय समिति की सीट के लिए चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें सिर्फ 31 वोट मिले। कराड ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने यह चुनाव लोकतांत्रिक भावना के तहत लड़ा था और परिणाम से उन्हें कोई खास फर्क नहीं पड़ा।