महाशिवरात्रि पर ईशा फाउंडेशन का भव्य रतजगा: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं-यहां आकर धन्य महसूस कर रही हूं...
Maha Shivaratri 2023: महाशिवरात्रि के अवसर पर ईशा फाउंडेशन ने अपने परंपरागत सांस्कृतिक महाशिवरात्रि कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को कोयंबटूर में किया। रात भर चले स्पेशल कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रहीं।
महा शिवरात्रि की रात अज्ञानता के अंधकार का अंत करती: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं आज विशेष रूप से धन्य महसूस कर रही हूं। मैं आदियोगी की उपस्थिति में महाशिवरात्रि के पवित्र अवसर पर यहां आकर खुद को धन्य महसूस कर रही हूं। उन्होंने भगवान शिव को "सभी के लिए देवता" और महा शिवरात्रि की रात को "अज्ञानता के अंधकार के अंत" के रूप में चिह्नित किया। सद्गुरु को आधुनिक समय के प्रसिद्ध ऋषि के रूप में संदर्भित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अनगिनत लोगों, विशेष रूप से भारत और विदेशों के युवाओं ने उनमें आध्यात्मिक प्रगति करने की प्रेरणा पाई है।
रात भर आध्यात्मक सांस्कृतिक कार्यक्रम में डूबे रहे लोग
ईशा फाउंडेशन, सद्गुरु की देखरेख में हर साल महाशिवरात्रि पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन करता है। शिवरात्रि की शाम छह बजे से शुरू होकर यह कार्यक्रम अगले दिन सुबह छह बजे तक चलता है। कोयंबटूर में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, तमिलनाडु के राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि, आईटी मंत्री थिरु मनो थंगराज भी मौजूद रहे।
योग से शारीरिक और मानसिक स्थिरता मिलेगी
सद्गुरु ने अपने संबोधन के दौरान प्रत्येक व्यक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक स्थिरता लाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अगले 24 महीनों में हम पृथ्वी पर कम से कम 2 अरब लोगों के लिए योग के सरल रूपों को लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मानवता की भलाई के लिए ऐसा होना चाहिए।
सद्गुरु ने 'ॐ नमः शिवाय' के महत्व को समझाया
सद्गुरु ने 'ॐ नमः शिवाय' के महत्व को समझाते हुए कहा: "यह ध्वनियों की एक शानदार जियोमेट्री है। यदि कोई इसका उपयोग करना सीखता है तो यह आपको उन सभी चीजों से अलग कर देगा जो आपको जीवन में बांधे रखती हैं। यह आंतरिक विकास की ओर सीधा रास्ता है जो एक आनंदित अस्तित्व की ओर ले जाता है ताकि आपके अनुभव में जीवन की प्रक्रिया कभी भी बोझिल न हो।
महाशिवरात्रि कार्यक्रम में रात भर रंगारंग कार्यक्रम हुआ
कार्यक्रम में राम मिरजला, वेलमुरुगन, कुटले खान, मंगली, अनन्या चक्रवर्ती, मीनल जैन, निहार शेमबेकर और कन्नड़ लोक गायकों सहित कई कलाकारों ने संगीत रचना और शैली के बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन कर आध्यात्मिक संगीत से रातभर लोगों को झूमाया। इसके अलावा मामे खान, नीलाद्रि कुमार, जॉर्जियाई डांस ग्रुप, केरल के तेय्यम डांसर्स ने भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ध्यान सेशन्स के साथ-साथ एक प्रश्न और उत्तर का दौर भी
इस कार्यक्रम में सद्गुरु द्वारा निर्देशित ध्यान सेशन्स के साथ-साथ एक प्रश्न और उत्तर का दौर भी हुआ।