खून का रिश्ता: क्या भतीजे आदित्य के लिए वर्ली में कैंडिडेट नहीं उतारेंगे राज ठाकरे, भुला देंगे 'झगड़ा'

यह चर्चाएं भी हो रही हैं कि क्या भतीजे आदित्य ठाकरे की जीत के लिए महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) चीफ राज ठाकरे वर्ली विधानसभा सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Oct 2, 2019 12:46 PM IST / Updated: Oct 05 2019, 11:44 PM IST

मुंबई(Mumbai). महाराष्ट्र में विधानसभा के लिए 288 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन इन 288  सीटों में सबकी निगाहें अब वर्ली पर लग गई हैं। दरअसल, इस सीट से पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है। शिवसेना ने वर्ली सीट पर युवाओं में खासे लोकप्रिय आदित्य ठाकरे को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने पहली लिस्ट में ही आदित्य का नाम जाहिर कर दिया था। आदित्य महाराष्ट्र में कैम्पेन की शुरुआत भी कर चुके हैं।

इस बीच यह चर्चाएं भी हो रही हैं कि क्या भतीजे आदित्य ठाकरे की जीत के लिए महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) चीफ राज ठाकरे वर्ली विधानसभा सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। मनसे की दो सूचियों के आ जाने के बाद इस चर्चा को और बल मिल रहा है। मनसे ने मंगलवार को अपनी पहली सूची जारी की थी इसमें 27 उम्मीदवारों के नाम थे। बुधवार को दूसरी सूची में 45 उम्दवारों के नाम हैं। हालांकि इसमें वर्ली सीट से उम्मीदवार का नाम नहीं है। स्थानीय खबरों की मानें तो मनसे राज्य की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

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उधर, कुछ लोकल रिपोर्ट्स में यह बात भी सामने आ रही है कि मनसे के टिकट पर वर्ली सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी नेताओं ने आदित्य का नाम सामने आने के बाद पीछे हटने का मन बनाया है। जिन नेताओं ने वर्ली सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, वे अब अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की पेशकश कर रहे हैं।

भाई-भाई में विवाद लेकिन बना हुआ है पारिवारिक संपर्क
बताते चलें कि आदित्य ठाकरे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे हैं, जबकि उद्धव और राज ठाकरे चचेरे भाई हैं। कहा जाता है कि शिवसेना की राजनीतिक विरासत को लेकर उद्धव और राज में अनबन हो गई जिसके बाद राज ठाकरे ने पार्टी छोड़कर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन कर लिया। हालांकि विवाद के बावजूद कई मौकों पर राज ठाकरे अपने चचेरे भाई और परिवार के साथ खड़े नजर आए हैं।

कुछ महीनों पहले खराब हेल्थ की वजह से उद्धव ठाकरे को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। इस दौरान राज ठाकरे ने अपने अली बाग़ के दौरे को कैंसल कर भाई को देखने लीलावती अस्पताल पहुंचे थे। राज ठाकरे मातोश्री भी गए। हाल ही में जब ईडी ने राज ठाकरे को लेकर जांच की थी, उस दौरान उद्धव ने चचेरे भाई के बेदाग़ होने की बात करते हुए सपोर्ट किया था।

अब देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव भतीजे आदित्य ठाकरे की जीत सुनिश्चित करने के लिए क्या राज ठाकरे अपनी पार्टी से उम्मीदवार खड़ा करेंगे।  

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