महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को शपथ लिए एक सप्ताह से अधिक समय हो गया। बीजेपी और शिवसेना के बागियों के गठबंधन से बनी सरकार में अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है।
नई दिल्ली। बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मिलने पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होने का संकेत दिया है। शिंदे ने कहा कि अगले सप्ताह नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। वह और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मिलकर कैबिनेट को फाइनल करेंगे। सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में अस्तित्व में आई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
उद्धव ठाकरे चाहते मध्यावधि चुनाव हो
दरअसल, उद्धव ठाकरे लगातार बागी शिवसेना विधायकों व एकनाथ शिंदे को चुनौती दे रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने पद छोड़ने के बाद बागियों को चुनौती दी थी कि चुनाव में जनता के बीच में चलते हैं। जनता तय करेगी कि कौन असली है और कौन नकली है। जनता जिसको सरकार में देखना चाहती है उसे चुन लेगी और जिसको नहीं चाहती है उसे घर बैठा देगी।
शिंदे ने राष्ट्रीय राजधानी में कहा कि पूरा करेंगे कार्यकाल
राष्ट्रीय राजधानी के दौरे के दौरान शिंदे ने अपने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव के आह्वान को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 164 विधायकों के समर्थन से मजबूत और स्थिर है, जबकि विपक्ष के पास केवल 99 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
बीजेपी का किया बचाव
एकनाथ शिंदे ने कहा कि बीजेपी के पास 115 विधायक हैं। लोगों को महाराष्ट्र में बीजेपी के सीएम पद की उम्मीद थी। लोग कहते हैं कि बीजेपी सत्ता में आने के लिए अन्य दलों को तोड़ती है। मेरे पास 50 विधायक हैं। क्या लोग अब बीजेपी के बारे में यही कहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को सीएम बनाया गया।
शुक्रवार की शाम को दिल्ली पहुंचे थे शिंदे
शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद दोनों ने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। जबकि शुक्रवार की रात में दोनों नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकाती की थी। शाह के साथ मीटिंग में नई महाराष्ट्र सरकार में दोनों दलों के बीच साझेदारी को लेकर चर्चा हुई। कैबिनेट से लेकर हर जगह दोनों पक्षों के साझेदारी पर चर्चा की गई।
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