महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे शह मात का खेल अब समाप्त होने के कागार पर है। जहां एक ओर एनसीपी और कांग्रेस के बीच लंबी बैठक के बाद सरकार का रास्ता साफ दिख रहा है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को वर्किंग कमेटी की बैठक की। इसके बाद अब एनसीपी- कांग्रेस नेताओं के बीच बैठक की जाएगी। जिसमें मंत्रालय के बंटवारे को लेकर चर्चा की जा सकती है।
मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को वर्किंग कमेटी की बैठक की। जिसके बाद कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच बैठक होगी। जिसमें मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही गुरुवार सुबह ही कांग्रेस पार्टी की वर्किंग कमेटी का बैठक बुलाई गई थी। जिसमें पार्टी के दिग्गज नेताओं संग पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायशुमारी की।
राउत का जारी है हमला
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे शह मात का खेल अब समाप्त होने के कागार पर है। जहां एक ओर एनसीपी और कांग्रेस के बीच लंबी बैठक के बाद सरकार का रास्ता साफ दिख रहा है, वहीं शिवसेना की तरफ से भी इसके संकेत दिए जा रहे हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना के एक लेख में कहा गया है कि महाराष्ट्र में किसी भी पल सरकार बन सकती है। वहीं, अपने पुराने तेवर के साथ ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट करते हुए इशारों में बीजेपी पर हमला बोला है।
किसी भी क्षण बन सकती है सरकार
सामना के लेख में कहा गया है, 'महाराष्ट्र में पिछले 21 दिनों से चल रही अस्थिरता जल्द समाप्त होगी। किसी भी क्षण राज्य में सरकार बनाई जा सकती है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ये तीनों दल एक साथ मिलकर स्थिर व मजबूत सरकार देंगे, ऐसा विश्वास कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के नेताओं ने दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जताया।' इस लेख में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास 6 जनपथ पर कांग्रेस-एनसीपी नेताओं की बैठक का भी जिक्र किया गया है।
बोले राउत- जब अच्छे थे तब कौन सा मेडल मिला
इस बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। राउत ने ट्वीट करते हुए कहा, 'हम बुरे ही ठीक हैं, जब अच्छे थे तब कौन सा मेडल मिल गया था।' इससे पहले राउत ने बुधवार को भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ट्वीट करते हुए लिखा, 'आहुति बाकी, यज्ञ अधूरा, अपनों के विघ्नों ने घेरा, अंतिम जय का वज्र बनाने, नव दधीचि हड्डियां गलाएं। आओ फिर से दीया जलाएं।'
मंत्रालयों के बंटवारे पर होगी चर्चा
एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की एक 'समन्वय समिति' भी काम कर रही है जो गठबंधन को अंतिम रूप दे सकती है। यह समिति हिंदुत्व जैसे कठिन मुद्दों का भी हल निकाल सकती है। अगले दो दिनों तक चलने वाली इस बातचीत में एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना के बीच मंत्रालयों के बंटवारों पर भी चर्चा की जाएगी। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के घर पर दो दौर की बातचीत के बाद सरकार बनाने का ऐलान किया गया।
50-50 फार्मूले पर बनेगी सरकार
सूत्रों के मुताबिक सरकार बनाने को लेकर जारी कवायद के बीच अगले दो दिनों तक चलने वाली बातचीत में एनसीपी अब शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद बांटने के लिए मोलभाव पर ज्यादा जोर देगी। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिवसेना बंटवारे की एनसीपी की ताजा कोशिशों पर किस हद तक सहमत होती है। जानकारों का कहना है कि एनसीपी ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद के बंटवारे पर जोर दे सकती है। बता दें कि एनसीपी विधानसभा चुनाव में शिवसेना से मात्र दो सीटें कम जीती हैं। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में एनसीपी के 54 और शिवसेना के 56 विधायक हैं।