CBI जांच पर रोक लगाने वाला 5वां राज्य बना महाराष्ट्र, जानिए किन परिस्थितियों में एजेंसी कर पाएगी जांच

 महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को राज्य में जांच और छापेमारी की दी गई अनुमति वापस ले ली है। इसी के साथ महाराष्ट्र ऐसा 5वां राज्य बन गया है, जहां सीबीआई जांच पर रोक लगाई गई है। 8 नवंबर, 2018 को आंध्र प्रदेश की तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने सीबीआई की राज्य में एंट्र्री पर रोक लगाई थी।

Asianet News Hindi | Published : Oct 22, 2020 8:24 AM IST

नई दिल्ली.  महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को राज्य में जांच और छापेमारी की दी गई अनुमति वापस ले ली है। इसी के साथ महाराष्ट्र ऐसा 5वां राज्य बन गया है, जहां सीबीआई जांच पर रोक लगाई गई है। 8 नवंबर, 2018 को आंध्र प्रदेश की तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने सीबीआई की राज्य में एंट्र्री पर रोक लगाई थी। नायडू के बाद प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी यह सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले चुके हैं। आईए जानते हैं अब किन परिस्थितियों में सीबीआई जांच की अनुमति मिल सकती है...

महाराष्ट्र सरकार ने क्यों लगाई रोक?
दरअसल, महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार और केंद्र की एनडीए सरकार के बीच खटास काफी हद तक बढ़ गई है। हाल ही में सुशांत केस में जांच मुंबई पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपी गई थी। वहीं, अब टीआरपी घोटाले में भी राज्य सरकार को डर था कि कहीं जांच सीबीआई को ना सौंप दी जाए। ऐसे में उद्धव सरकार ने पहले ही ये कदम उठाकर जांच की संभावनाओं को खत्म कर दिया। 


उद्धव ठाकरे।

क्या सीबीआई किसी मामले में जांच नहीं कर पाएगी?
अब सवाल उठता है कि क्या सीबीआई किसी मामले में जांच नहीं कर पाएगी। नहीं, ऐसा नहीं है। सीबीआई राज्य सरकार, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेने के बाद आसानी से जांच कर सकती है। 

कहां कहां सीबीआई जांच पर लगी रोक?
सीबीआई जांच पर रोक लगाने की शुरुआत 8 नवंबर, 2018 को आंध्र प्रदेश की तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने की थी। चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में एनडीए का हिस्सा थे, वे मार्च 2018 में एनडीए से बाहर हो गए थे। 


चंद्रबाबू नायडू।

ममता भी चलीं उसी कदम पर
ममता बनर्जी सरकार ने नायडू के फैसले के कुछ समय बाद प बंगाल में सीबीआई जांच के लिए दी गई सहमति वापस ले ली। बंगाल में 1989 में सीबीआई जांच के लिए अनुमति दी गई थी। बंगाल में 2 फरवरी 2019 को सीबीआई और राज्य पुलिस आमने सामने आ गई थी। दरअसल, शारदा चिटफंड घोटाले में तत्कालीन पुलिश कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची सीबीआई टीम को ही हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। वहीं, ममता भी धरने पर बैठ गई थीं। 


ममता बनर्जी
 
छत्तीसगढ़ ने भी लगाई रोक
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने 10 जनवरी, 2019 को सीबीआई जांच की अनुमति वापस ले ली थी। हालांकि, बघेल सरकार ने इस फैसले के पीछे का कोई कारण नहीं बताया। 


भूपेश बघेल।

राजस्थान ने भी अनुमति ली वापस
राजस्थान में इस साल जुलाई में कांग्रेस खेमा दो गुटों में बंट गया था। इसके बाद राजस्थान की गहलोत सरकार को डर लग रहा था कि कहीं केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल कर सरकार ना गिरा दे। ऐसे में राज्य सरकार ने 20 जुलाई 2020 को सीबीआई को राज्य में जांच और छापेमारी की अनुमति वापस ले ली थी।  


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

क्या कहता है नियम?
सीबीआई दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिसमेंट (DSPE) ऐक्ट के तहत काम करती है। ऐसे में इसका सेक्शन 6 सीबीआई को दिल्ली समेत किसी भी केंद्रशासित प्रदेश से बाहर संबंधित राज्य सरकार की अनुमति के बिना उस राज्य में जांच करने से रोकती है। सीबीआई को राज्य से दो तरह की अनुमति मिलती है। पहला खास किसी मामले में जांच को लेकर। वहीं, दूसरा सामान्य सहमति। जनरल कंसेंट के तहत राज्य सीबीआई को अपने यहां बिना किसी रोकटोक के जांच करने की अनुमति देते हैं।

जिन राज्यों ने सीबीआई जांच पर रोक लगाई है, वहां जांच एजेंसी बिना राज्य सरकार या हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के तब तक कोई नया केस दर्ज या जांच नहीं कर सकती। 

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