एनसीपी से बगावत करके 5वीं बार डिप्टी सीएम बने अजित पवार की राहें इतनी भी आसान नहीं हैं। क्योंकि एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने ऐसा बयान दिया है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बवाल हो सकता है।
Maharashtra Politics. महाराष्ट्र की राजनीति में मची उथल-पुथल के बीच एक नए डेवलपमेंट ने राजनैतिक माहौल गर्म कर दिया है। दरअसल, अजित पवार के सरकार में शामिल होने से एकनाथ शिंदे गुट के कई नेता नाराज हैं। अंदरखाने चल रही यह नाराजगी पहली बार बयान के रुप में सामने आई है। एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि पार्टी के सभी नेता इस घटनाक्रम से खुश नहीं हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस पर फैसला ले सकते हैं।
एकनाथ शिंदे गुट की नाराजगी का क्या पड़ेगा असर
एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अजित पवार के सत्ता में भागीदारी करने से हमारे कई नेता नाराज हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अब उनको मनचाही स्थिति नहीं मिलेगी। संजय ने कहा कि जब हमारा कोई प्रतिद्वंदी गुट हमारे पास आना चाहता है तो उन्हें शामिल करना पड़ता है। लेकिन हमारे लोग कुछ परेशान जरूर हो गए। शुरूआत में यह बात भी सामने आई थी कि एकनाथ शिंदे भी इस घटनाक्रम से खुश नहीं हैं लेकिन बाद में उन्होंने यह बयान देकर हवा शांत की कि अब महाराष्ट्र में डबल नहीं ट्रिपल इंजन की सरकार चलेगी।
अजित पवार गुट के 9 विधायकों के लिए अयोग्यता याचिका
शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट के नौ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका दायर कर दी है। यह याचिका महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास दायर की गई है। रविवार को अजित पवार और छगन भुजबल सहति दिलीप पाटिल, हसन, धनंजय मुंडे, धर्मराव बाबा, अदिति तटकरे, संजय बंसोडे और अनिल पाटिल को मंत्री बनाया गया है। इसके बाद शरद पवार ने अपने बेहद करीबी प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
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