Lok Sabha Elections: महाराष्ट्र में ठाकरे का जवाब ठाकरे, उद्धव की काट के लिए भाजपा पहुंची राज के पास

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के जवाब में भाजपा की कोशिश राज ठाकरे को लाने की है। दिल्ली में राज ठाकरे और अमित शाह की मुलाकात हुई है।

 

Vivek Kumar | Published : Mar 19, 2024 11:44 AM IST / Updated: Mar 19 2024, 05:17 PM IST

मुंबई। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बजने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल देज हो गई है। लोकसभा सीटों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरे स्थान पर है। यहां लोकसभा की 48 सीटें हैं। 2019 के आम चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन था। भाजपा को 23 और शिवसेना को 18 सीटों पर जीत मिली थी।

पांच सालों में राज्य की राजनीतिक स्थिति काफी बदली है। लोकसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था। उसने कांग्रेस और एनसीपी के साथ अलायंस कर लिया। 2022 में शिवसेना में टूट हुई। पार्टी दो हिस्से में बंट गई। एक का नेतृत्व सीएम एकनाथ शिंदे और दूसरे का नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं।

आम चुनाव में उद्धव ठाकरे की काट के लिए भाजपा ने बड़ी चाल चली है। भाजपा ने उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। भाजपा की कोशिश चुनावी लड़ाई में ठाकरे (उद्धव ठाकरे) के खिलाफ ठाकरे (राज ठाकरे) को खड़ा करने की है। दूसरी ओर एमएनएस को उम्मीद है कि NDA में आने से उसकी राजनीतिक गुमनामी खत्म होगी।

राज ठाकरे सोमवार रात दिल्ली पहुंचे। मंगलवार को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद राज ठाकरे के एनडीए में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है। अमित शाह से मुलाकात के बाद दिल्ली आने को लेकर राज ने कहा, "मुझे दिल्ली आने के लिए कहा गया था। इसलिए मैं आया। देखते हैं।"

मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा है कि वे जल्द ही बैठक में हुई बातचीत के बारे में जानकारी देंगे। जो भी फैसला लिया जाएगा वह महाराष्ट्र के लोगों की भलाई, हिंदुत्व और पार्टी के हित में होगा। दरअसल, मनसे तीन सीटें (दक्षिण मुंबई, शिरडी और नासिक) चाहता है।

मनसे को क्यों लुभा रही बीजेपी?

भाजपा मनसे को क्यों लुभा रही है? इसका जवाब 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से बदले महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में है। आम चुनाव 2019 में भाजपा और शिवसेना मिलकर लड़े थे। दोनों पार्टियों ने राज्य के 48 में से 41 सीटों को जीत लिया था। कुछ महीनों बाद भाजपा और शिवसेना को महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी जीत मिली, लेकिन सीएम पद को लेकर हुए विवाद के चलते शिवसेना एनडीए से अलग हो गई। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई।

2022 में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर बगावत कर दिया। इससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई। शिंदे ने भाजपा के साथ गठबंधन किया और उसकी मदद से सरकार बना ली। दूसरी ओर अगले साल 2023 में शरद पवार की पार्टी NCP में भी टूट हो गई। अजीत पवार ने बगावत की और पार्टी को दो हिस्से में तोड़ दिया। अजीत पवार एनडीए में शामिल हो गए।

2019 में सीधे मुकाबले से हटकर 2024 में महाराष्ट्र लोकसभा की लड़ाई अब एक बहुआयामी लड़ाई है। इसमें एक तरफ भाजपा, राकांपा और शिवसेना और दूसरी तरफ कांग्रेस और शरद पवार और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे हैं। भाजपा जानती है कि यह एक पेचीदा इलाका है। बीजेपी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में जोखिम लेने के मूड में नहीं है। इसलिए भाजपा ने उद्धव ठाकरे फैक्टर का मुकाबला करने के लिए उनके चचेरे भाई राज ठाकरे को अपने साथ लाने की कोशिश की है।

बड़ी वापसी पर है मनसे की नजर

चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मतभेदों के कारण राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने मनसे (महाराष्ट्र नव निर्माण सेना) नाम की पार्टी बनाई। मनसे ने 2009 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और 13 सीटें जीत लीं। 2014 में मनसे को सिर्फ एक सीट मिली। 2019 के चुनाव में भी उसे सिर्फ एक सीट मिली।

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पिछले एक दशक में राज ठाकरे कई बार विवादास्पद बयानों के चलते सुर्खियों में रहे, लेकिन उनकी पार्टी की ताकत बढ़ नहीं रही थी। शिव सेना के टूटने पर उन्होंने इसके लिए अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार बताया था। उन्होंने एकनाथ शिंदे के प्रति गर्मजोशी दिखाई है। दोनों नेताओं के बीच कई मौकों पर मुलाकात हुई है। बीजेपी के साथ गठबंधन कर मनसे की नजर बड़ी वापसी करने पर है।

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