महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत पास करने से पहले मुसीबत में उद्धव, कांग्रेस ने डिप्टी सीएम को लेकर फंसाया पेंच

उद्धव ठाकरे सरकार 30 नवंबर को महाराष्ट्र की विधानसभा में दोपहर दो बजे शक्ति परीक्षण होना है। शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी। 'महा विकास अघाड़ी' ने अपने पास 170 विधायकों का समर्थन होने की बात कही है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 30, 2019 2:27 AM IST / Updated: Nov 30 2019, 10:12 AM IST

मुंबई. तमाम कवायदों के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी- कांग्रेस के सहयोग से महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी सरकार का पहला इम्तिहान आज यानी शनिवार को होगा। जिसमें 30 नवंबर को महाराष्ट्र की विधानसभा में दोपहर दो बजे शक्ति परीक्षण होना है। शिवसेना का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है और सदन में वो आसानी से बहुमत साबित कर देगी। इन सब के बीच सुत्रों के हवाले से खबर आ रही की कांग्रेस पार्टी ने डिप्टी सीएम पद को लेकर पेंच फंसा दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र में नई सरकार के पास 3 दिसंबर तक अपना बहुमत सिद्ध करने का समय है। हालांकि, यह स्पष्ट हो गया है कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस वाली सत्तारूढ़ 'महा विकास अघाड़ी' शनिवार को ही सदन के पटल पर अपना बहुमत सिद्ध करने की कोशिश करेगी। 

दिलीप-वाल्से होंगे प्रोटेम स्पीकर 

Latest Videos

'महा विकास अघाड़ी' ने अपने पास 170 विधायकों का समर्थन होने की बात कही है और नेताओं का कहना है कि वह शक्ति परीक्षण को पास कराने में पूर्ण रूप से सक्षम हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेता दिलीप वाल्से-पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष होंगे। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी और कहा कि दिलीप वाल्से शनिवार को बुलाए गए सदन के विशेष सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

26 नवंबर को भी बुलाया गया था विशेष सत्र

बीते 26 नवंबर को भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 287 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया था। जिसमें भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया था। 

बहुमत के लिए छूना है 145 का आंकड़ा 

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। ऐसे में सत्ता पक्ष को बहुमत के लिए 145 विधायकों का होना जरूरी है। बता दें कि शिवसेना के पास 56 विधायक, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। सभी विधायकों की संख्या को मिला दिया जाए तो कुल 154 होते हैं, यानी बहुमत से 9 ज्यादा। हालांकि शिवसेना दावा कर रही है कि बहुमत के आंकड़े से वो कहीं ज्यादा है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सरकार बनने से पहले ही होटल में बहुमत परीक्षण का डेमो किया था और बताया था कि उनके पास 162 विधायक हैं। इन्हीं 162 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र उन्होंने राज्यपाल को सौंपा था और सरकार बनाने की बात कही थी। 

दावे के सच साबित करने का वक्त

सरकार बनाने के बाद अब मौका है विधानसभा के भीतर ये बताने का कि उन्होंने जो दावा किया था वो सही है। हालांकि, बीजेपी गठबंधन की इस सरकार को महाराष्ट्र की जनता के खिलाफ धोखा बता रही है। इस बीच कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में भी अभी मोल भाव खत्म नहीं हुआ है। खबर है कि कांग्रेस ने राज्य में दो उपमुख्यमंत्री की मांग की है। जिसमें एक उप मुख्यमंत्री एनसीपी का और दूसरा उप मुख्यमंत्री कांग्रेस का। उपमुख्यमंत्री के बदले कांग्रेस स्पीकर पद छोड़ने के लिए तैयार है। लेकिन कांग्रेस की इस मांग से एनसीपी नाखुश है। 

कार्यभार संभालने के बाद से एक्शन में 

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपना कार्यभार संभाल लिया था। उद्धव ने कामकाज संभालने के साथ ही राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। पहले ही दिन उद्धव ने आरे कालोनी के पास मेट्रो के कामकाज को रोकने के आदेश दे दिए, जहां रातों-रात दो हजार पेड़ काट दिए गए थे। उद्धव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विकास संबंधी कार्यों को तुरंत शुरू करें और जनता के पैसे की बर्बादी के खिलाफ सतर्क रहें। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई के आरे में मेट्रो शेड का काम रोक दिया गया है. हालांकि उन्होंने ये साफ किया कि मेट्रो लाइन काम जारी रहेगा। 

तीनों दलों का यह है एजेंडा

गुरुवार को उद्धव की शपथ से पहले महाराष्ट्र में तीनों पार्टियों का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जारी किया गया। जिसमें जनता से जुड़े कई अहम बातों पर जोर दिया गया है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में किसानों, बेरोजगारों और आर्थिक आधार पर कमजोरों के लिए कई अहम ऐलान किए गए हैं। जिसमें आम आदमी को पूरे राज्य में 10 रुपये में भर पेट खाना मुहैया करवाया जाएगा। इसके साथ ही तहसील स्तर पर 1 रुपये में इलाज के लिए क्लीनिक खोले जाएंगे। वहीं, नई सरकार किसानों का कर्ज तुरंत माफ करने का निर्णय लिया है। वहीं, प्रोग्राम में फसल बीमा योजना पर फिर से विचार किया जाएगा। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दिए जाने के मुद्दे पर सरकार ने जोर देने का निर्णय लिया है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

Shocking Video: उत्तराखंड में दरका पहाड़ और बंद हो गया हाईवे #Shorts
कौन थी महालक्ष्मीः हेमंत से शादी-अशरफ से दोस्ती, नतीजा- बॉडी के 40 टुकड़े । Bengaluru Mahalakshmi
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान
कौन है संजय शिदें? बदलापुर कांड के आरोपी को दी मौत, दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट । Badlapur
कंगना ने फिर लिया किसानों से पंगा, हिमाचल से दिल्ली तक बवाल । Kangana Ranaut