मालदीव में भारत के खिलाफ अभियान चलाने वाले घोषित होंगे अपराधी, दंडित करने के लिए बनाया गया कानून

मालदीव में भारतीय सैन्य उपस्थिति के विरोध में विपक्षी पीपीएम-पीएनसी गठबंधन के नेतृत्व में 'इंडिया आउट' आंदोलन एक अभियान है। राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने 21 जून को 'इंडिया आउट' अभियान पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए एक फरमान जारी किया। सभी राज्य संस्थानों को फरमान लागू करने का निर्देश दिया गया है।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 23, 2022 7:39 PM IST

नई दिल्ली। भारत के खिलाफ अभियान चलाने या भारत विरोधी कार्य करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए मालदीव ने कानून बनाया है। दरअसल, मालदीव सरकार, भारत से अपने संबंध खराब नहीं करना चाहती है और मालदीव में भारत का विरोध करने वालों को सख्ती से निपटने के लिए कानून बनाया है। अटॉर्नी जनरल के कार्यालय (एजीओ) ने 'इंडिया आउट' अभियान सहित मालदीव के राजनयिक हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्यों को अपराध के दायरे में लाने के लिए दंड संहिता में संशोधन के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है।

एजीओ ने गुरुवार को एक बयान में घोषणा की कि विधेयक को संसद में प्रस्तुत करने से पहले समीक्षा के लिए राष्ट्रपति कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था। एजीओ ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य उन कृत्यों को संहिताबद्ध करना है जो मालदीव के राजनयिक हितों को नुकसान पहुंचाते हैं। इस कानून के तहत सार्वजनिक व्यवस्था, सुरक्षा और दंड संहिता पर घोषित अनुशासन से संबंधित अपराधों से अलग एक कानून बनाया गया है जिसमें भारत विरोधी किसी भी अभियान को भी अपराधा माना गया है। 

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क्या है बिल में?

बिल के अनुसार, जिन कृत्यों को अपराध माना जाएगा, उनमें किसी विदेशी देश के राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रीय प्रतीक को नुकसान पहुंचाना या बदलना, विदेशी संस्थानों को नष्ट करना या नष्ट करने का आह्वान करना, इस उद्देश्य के लिए किसी विदेशी को नुकसान पहुंचाना या नुकसान पहुंचाना शामिल है। उनकी राष्ट्रीयता के आधार पर उन्हें परेशान करना, या किसी विदेशी से उनकी राष्ट्रीयता के आधार पर मालदीव छोड़ने की मांग करना। 

दरअसल, मालदीव में भारतीय सैन्य उपस्थिति के विरोध में विपक्षी पीपीएम-पीएनसी गठबंधन के नेतृत्व में 'इंडिया आउट' आंदोलन एक अभियान है। राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने 21 जून को 'इंडिया आउट' अभियान पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए एक फरमान जारी किया। सभी राज्य संस्थानों को फरमान लागू करने का निर्देश दिया गया है।

हालांकि, विपक्ष ने आंदोलन से जुड़े नारों के साथ इमारतों की दीवारों पर बैनर और भित्तिचित्र लगाना जारी रखा है। राष्ट्रपति सोलिह ने अपने फरमान में कहा कि 'इंडिया आउट' आंदोलन मालदीव और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों और क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में बाधा डालने का एक जानबूझकर प्रयास था, और एक विशिष्ट देश के खिलाफ नफरत को उकसाने से मालदीव को खतरा है। इससे देश की शांति और स्थिरता की हानि, भारी आर्थिक और सामाजिक बोझ और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अलगाव पैदा होगा। उधर,पीपीएम ने डिक्री पर मुकदमा दायर किया है, इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन बताया है।

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