पश्चिम बंगाल में आए अम्फान तूफान ने वहां के जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। ऐसे में टीएमसी चीफ और सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वहां जरूरी सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए थोड़ा और भी वक्त मांगा है। उन्होंने कहा कि कैस्ट्रोफोन पर दो दिन हो चुके हैं।
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में आए अम्फान तूफान ने वहां के जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। ऐसे में टीएमसी चीफ और सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वहां जरूरी सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए थोड़ा और भी वक्त मांगा है। उन्होंने कहा कि कैस्ट्रोफोन पर दो दिन हो चुके हैं। उनकी सराकर दिन और रात काम कर रही है। कृपया धैर्य रखें। उन्होंने कहा कि वो जल्द से जल्द वहां की सारी चीजें बहाल करने में लगीं हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनता की नाराजगी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ इतना ही कह सकती हूं कि आप मेरा सिर धड़ से अलग कर दें।'
ममता ने लोगों से की अपील
सीएम ने लोगों से अपील की कि धैर्य बनाए रखें क्योंकि प्रशासन पानी और बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'नकारात्मक प्रचार' को भी खारिज करते हुए कहा 'यह समय राजनीति करने का नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हम इस समय चार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, कोविड-19, लॉकडाउन, प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दे और अब चक्रवाती आपदा।'
जिला प्रशासन को सीएम ने दिया ये निर्देश
बनर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहती हैं कि लोगों को 'जमीनी हकीकत' को समझना चाहिए और सहयोग करना चाहिए। बैठक में उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि क्षेत्र में स्थिति सामान्य करने में स्थानीय लोगों का सहयोग लें। मुख्यमंत्री ने दक्षिण 24 परगना जिले के सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दूसरे दिन हवाई सर्वेक्षण किया। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ हवाई सर्वेक्षण किया था।
लोगों ने किया था सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
दरअसल, चक्रवात अम्फान से प्रभावित कोलकाता के कई इलाकों में पानी और बिजली की आपूर्ति न होने से परेशान लोगों ने शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो अत्यधिक कठिनाई में हैं, क्योंकि पिछले तीन दिनों से बिजली नहीं आ रही है और न ही पानी की आपूर्ति हो रही है और बिजली आपूर्तिकर्ताओं सीईएससी और डब्ल्यूबीएसईडीसीएल से भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
हालांकि, कुछ प्रदर्शनकारियों ने मौसम कार्यालय द्वारा चक्रवात की गंभीरता के बारे में बार-बार चेतावनी जारी किए जाने के बावजूद कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की ओर से की गई तैयारियों में कमी को जिम्मेदार ठहराया, जबकि कई ने बिजली आपूर्तिकर्ताओं की प्रतिक्रिया पर उंगली उठाई। बहरहाल, दोनों बिजली आपूर्तिकर्ताओं के अधिकारियों ने कहा कि पूरे शहर में हजारों पेड़ उखड़ गए हैं, जिसके कारण बिजली आपूर्ति बहाल करने में समय लग रहा है।
बहाली के कार्य के लिए तैनात है सेना
चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में बहाली कार्य को सेना तैनात है। कोलकाता और पड़ोसी जिलों के चक्रवात अम्फान से प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए सेना तैनात की गई है। एक रक्षा अधिकारी के मुताबिक, सेना की पांच टुकड़ियों को कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है। राज्य के इन तीन हिस्सों ने चक्रवात के कारण सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अधिकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध के बाद यह तैनाती की गई है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने चक्रवात अम्फान के बाद कोलकाता शहर प्रशासन की सहायता के लिए तीन जवानों की तीन टुकड़ियां दी हैं। अधिकारी ने कहा कि दक्षिण कोलकाता में टॉलीगंज, बालीगंज और बेहाला में सड़क पर से गिरे हुए पेड़ इत्यादि हटाने के औजारों से लैस सेना के जवान तैनात थे। उन्होंने कहा कि उत्तर 24 परगना जिले के न्यू टाउन में और दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में बहाली कार्य के लिए सेना की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। सेना की एक टुकड़ी में वरिष्ठ अधिकारियों और जूनियर कमीशंड अधिकारियों सहित 35 जवान हैं।