शपथ लेते ममता बनर्जी ने राज्य में जारी हिंसा पर कहा-EC के पास अभी तक थी राज्य की कमान, अब मैं संभालूंगी

तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी का जन्म कोलकाता के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। ममता बनर्जी ने जोगमाया डिग्री काॅलेज से परास्नातक किया। छात्र जीवन में ही सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाली ममता बनर्जी ने पहला लोकसभा चुनाव 1984 में जाधवपुर से लड़ा था। 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी आज तीसरी बार शपथ ले ली है। राज्य की लगातार तीसरी बार कमान संभालने वाली मममा बनर्जी के शपथ ग्रहण में कोविड-19 प्रोटोकाल की वजह से कम लोगों को ही आमंत्रित किया गया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 

शपथ लेते ममता बनर्जी ने राज्यपाल को दिया जवाब

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तीसरी बार ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद करता हूं कि राज्य में हो रही हिंसा को तुरंत बंद करने का प्रयास नई सरकार करेगी। राज्यपाल को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अभी तक राज्य की व्यवस्था चुनाव आयोग के पास थी। मैंने शपथ ले ली है, अब नई व्यवस्था शुरू करूंगी। राज्य में कानून-व्यवस्था कायम होगा। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता हिंसा पसंद नहीं करती है। हिंसा फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। आज से राज्य में हिंसा नहीं होनी चाहिए।

पीएम मोदी ने दी बधाई

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि ममता दीदी को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की बधाई। पीएम ने सीएम ममता बनर्जी को ट्वीट कर बधाई दी है। 

 

टीएमसी को मिली है प्रचंड बहुमत
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी को प्रचंड बहुमत मिली है। टीएमसी ने 292 सीटों में 213 सीटें हासिल की है। जबकि बीजेपी को 77 सीटें मिली है। दो सीटों पर अन्य ने जीत हासिल की है। 

बहुत संघर्ष के बाद पहुंची थी ममता सीएम की कुर्सी तक

तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी का जन्म कोलकाता के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। ममता बनर्जी ने जोगमाया डिग्री काॅलेज से परास्नातक किया। छात्र जीवन में ही सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाली ममता बनर्जी ने पहला लोकसभा चुनाव 1984 में जाधवपुर से लड़ा था। यूथ कांग्रेस से राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाली ममता बनर्जी का राजनैतिक जीवन काफी उतार चढ़ाव वाला रहा। 1989 में वह लोकसभा चुनाव हार गई लेकिन 1991 में उनको फिर जीत मिल गई। कांग्रेस की फायर ब्रांड महिला नेत्री ममता बनर्जी ने 1997 में कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस का गठन किया। इसके बाद वह पूरी तरह पश्चिम बंगाल की राजनीति में फोकस करने लगी। हालांकि, टीएमसी बनाने के बाद वह दो बार रेल मंत्री बनीं। लेकिन वह बंगाल के वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद करती रही। सिंगूर व नंदीग्राम आंदोलन की अगुवाई करने की वजह से ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की जनता ने हाथो हाथ लिया। 2011 में हुए विधानसभा चुनावों में जनता ने वामदलों को नकार उनको समर्थन दिया और ममता बनर्जी पहली बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं। 2016 में जनता ने फिर भरोसा जताया और उनको पूर्ण बहुमत दी। इस बार बीजेपी से कड़ी टक्कर के बाद ममता बनर्जी पूर्ण बहुमत हासिल करने में सफल रहीं और तीसरी बार राज्य की कमान संभालेंगी। 
 

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