
Mamta Kulkarni: 90 के दशक में ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया और रातोंरात मशहूर हो गईं। लेकिन फिर अचानक उन्होंने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली और दुबई जाकर बस गईं।
कई सालों बाद ममता एक संन्यासिनी के रूप में भारत लौटीं और किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बनीं। इस फैसले पर काफी विवाद हुआ और अखाड़े के संस्थापक ने उन्हें बाहर कर दिया। ट्रांसजेंडर कथावाचक हिमांगी सखी मां ने ममता कुलकर्णी की महामंडलेश्वर पद पर नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ प्रचार पाने के लिए ये पद दिया गया था। उन्होंने कहा कि ममता का नाम पहले ड्रग केस से जुड़ा रहा है, इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए। अब ममता कुलकर्णी ने इस पूरे विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी बात रखी है।
महामंडलेश्वर बनने के बाद अखाड़े में विवाद होने पर ममता कुलकर्णी ने अपना पद छोड़ दिया था, हालांकि लक्ष्मी नारायण ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया। अब तीन महीने बाद ममता कुलकर्णी ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह सब भगवान की इच्छा से हुआ। मुझे उस कुंभ में महामंडलेश्वर बनने का अवसर मिला, जो 140 साल में एक बार आया एक पवित्र मौका था। भगवान ने मेरी 25 साल की तपस्या का फल दिया। इसलिए यह सब संभव हो सका।”
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