54 साल पहले चुराए गए 37 रु. का हुआ चौंकाने वाला खुलासा

कर्ज और चोरी में क्या अंतर? एक व्यक्ति ने 54 साल पहले चुराए ₹37 ब्याज समेत लौटाकर अनोखी मिसाल कायम की। जानिए, कितनी बड़ी रकम लौटाई?

चेन्नई: कर्ज और चोरी, ये दोनों शब्द अलग-अलग अर्थ रखते हैं। जानबूझकर कर्ज न लौटाना भी एक तरह की चोरी ही है। कुछ लोग कर्ज लेते हैं और लौटाना भूल जाते हैं। कई दिनों बाद याद आने पर लौटाने वाले लोग भी देखे जाते हैं। यहाँ एक व्यक्ति ने 54 साल पहले चुराए गए 37 रुपये ब्याज समेत लौटा दिए। 37 रुपये के बदले 54 साल बाद उस व्यक्ति ने कितने पैसे लौटाए, जानते हैं? 54 साल पहले खोए हुए 37 रुपये के बदले मोटी रकम पाकर वह व्यक्ति खुशी से झूम उठा।

रंजीत नाम के एक व्यक्ति ने 1970 में 37 रुपये चुराए थे। लेकिन यह चोरी रंजीत के मन में ग्लानि पैदा करती रही। अब 54 साल बाद उन्होंने चुराए गए 37 रुपये लौटा दिए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, युवा रंजीत की पारिवारिक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। श्रीलंका के नुवारा इलाके में एक बागान में मजदूरी करके रंजीत अपना गुजारा करते थे। 

Latest Videos

एक दिन बागान मालिक ने रंजीत को घर के काम के लिए बुलाया। मालिक नए घर में जा रहे थे, इसलिए सामान ढोने के लिए रंजीत गए थे। सामान शिफ्ट करते समय रंजीत को 37 रुपये मिले। उस समय के हिसाब से 37 रुपये एक बड़ी रकम थी। गरीबी से जूझ रहे रंजीत ने पैसे लौटाने के बजाय अपनी जेब में रख लिए। 

कुछ दिनों बाद बागान मालिक मसरूफ सगुई को याद आया कि उन्होंने पैसे बिस्तर के नीचे रखे थे। उन्होंने तुरंत रंजीत को बुलाकर पैसे के बारे में पूछताछ की। लेकिन रंजीत ने कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि पैसे नहीं मिले। रंजीत के माता-पिता भी उसी चाय बागान में काम करते थे। परिवार बड़ा होने के कारण किसी भी बच्चे को शिक्षा नहीं मिल पाई थी। 

17 साल की उम्र में रंजीत तमिलनाडु आकर अपना जीवन बनाने का फैसला किया। 1977 के बाद रंजीत की आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा। शुरुआत में एक छोटी सी दुकान खोली, लेकिन नुकसान हुआ। फिर एक रेस्टोरेंट में काम करने लगे। यहाँ खाना बनाना सीखा और बाद में अपनी खुद की फूड कंपनी शुरू की। आज इस फूड कंपनी में लगभग 125 से ज्यादा लोग काम करते हैं। 

एक बार बाइबिल पढ़ते समय उन्हें एक पंक्ति दिखाई दी जिसमें लिखा था कि दुष्ट व्यक्ति किसी का पैसा नहीं लौटाता और धर्मी व्यक्ति किसी का कर्ज या ऋण नहीं रखता। इस पंक्ति को गंभीरता से लेते हुए रंजीत को 50 साल पहले चुराए गए 37 रुपये याद आ गए। उसी दिन उन्होंने 37 रुपये लौटाने का फैसला किया और मसरूफ सगुई को ढूंढना शुरू कर दिया। 

दोस्तों की मदद से खोज शुरू की तो पता चला कि मसरूफ और उनकी पत्नी का निधन हो चुका है। मसरूफ दंपति के छह बच्चों में से एक बेटे की भी मौत हो चुकी थी। आखिरकार, उन्होंने नुवारा एलिया में रहने वाले उनके एक बेटे से संपर्क किया और बताया कि वह अपने माता-पिता से लिया हुआ कर्ज लौटाने आ रहे हैं। इस साल 21 अगस्त को श्रीलंका जाकर एक रेस्टोरेंट में मसरूफ के बेटे से मिले और 1970 की घटना बताकर 37 रुपये के बदले 70 हजार रुपये लौटा दिए।

Share this article
click me!

Latest Videos

The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
कौन है 12 साल की सुशीला, सचिन तेंदुलकर ने बताया भविष्य का जहीर खान, मंत्री भी कर रहे सलाम
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts