डॉ.माणिक साहा के त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शनिवार को बिप्लब देब के इस्तीफा के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया।
अगरतला। त्रिपुरा में राज्य विधानसभा चुनाव के ठीक एक साल पहले बीजेपी ने अपना मुख्यमंत्री बदल दिया है। वाम सरकार को उखाड़ पहली बार बीजेपी को सत्ता दिलाने वाले बिप्लब देब ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर निवर्तमान मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने अपना इस्तीफा सौंपा। अब राज्य की कमान डॉ.माणिक साहा (Dr.Manik Saha) के हाथों में होगी। बीजेपी के राज्य इकाई के अध्यक्ष डॉ.साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं। शनिवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव व विनोद तावडे़ ने नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया।
कौन हैं माणिक साहा?
डॉ. माणिक साहा पेशे से एक डेंटिस्ट हैं। वह राजनीति में आने के पहले त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज हपनिया में शिक्षक रहे हैं। डॉ. साहा ने 2016 में बीजेपी ज्वाइन किया था। उस वक्त बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब देब ही थे। कांग्रेस से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले साहा ने राज्य में बीजेपी की सरकार बनवाने में बिप्लब देब के साथ अहम योगदान दिया था। 2018 में राज्य में बीजेपी की सरकार बनी थी। करीब 25 वर्ष के शासन के बाद वाम मोर्चे की सरकार की विदाई राज्य से हुई। केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों नेताओं को उनके योगदान के लिए अहम जिम्मेदारी सौंपी। बिप्लब देव राज्य के मुख्यमंत्री बनें तो 2020 में बीजेपी ने डॉ.माणिक साहा को राज्य इकाई का अध्यक्ष बना दिया। यही नहीं इसी साल डॉ.साहा को बीजेपी ने राज्यसभा में भेजा है। वह राज्य के एकमात्र राज्यसभा सांसद हैं। डॉ.साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।
60+ वाले मुख्यमंत्री ने युवा को किया रिप्लेस
डॉ.माणिक साहा का जन्म 1953 में हुआ था। वह वर्तमान में 69 वर्ष हैं। साहा त्रिपुरा के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे। डॉ.माणिक साहा पर अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को जीत दिलाने की अहम जिम्मेदारी होगी। बिप्लब देव के चार साल के कार्यकाल के दौरान जो सरकार के प्रति नाराजगी थी, उसे दूर कर चुनाव में जनता का आशीर्वाद दुबारा हासिल करना मेडिकल शिक्षक के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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