राज्य के चुराचांदपुर रिलीफ कैंप में लोकलाज का डर त्यागकर एक महिला और सामने आई है। पुलिस को उसने जो अपनी आपबीती सुनाई वह रोंगटे खड़े करने वाले हैं।
Manipur horror story of gangrape survivor: मणिपुर हिंसा के पीड़ितों के दु:ख-दर्द ऐसे हैं जो शायद जीवन भर उनके घाव न भर सके। हजारों जिंदगियों तबाह हो गई। घरों को आग लगा दिया गया। सबसे अधिक अत्याचार महिलाओं ने सहे। घर-परिवार को तमाम ने गंवाया ही, उनके शरीर को भी दरिंदों ने नोच डाले। धीरे-धीरे जीवन शायद सबके सामान्य हो जाएं लेकिन जिन महिलाओं ने दरिंदगी का सामना किया, उनकी जिंदगी पटरी पर न जाने कब आ सकेगी। तमाम ऐसी महिलाएं भी हैं जो अपने साथ हुई क्रूरता को लोकलाज के डर से सामने नहीं ला पा रही हैं, वह अपनी आपबीती भी किसी से साझा नहीं कर पा रहीं। रिलीफ कैंपों में ऐसी महिलाओं की भरमार है।
हालांकि, कैंप में रह रहे लोग और तमाम अधिकारी महिलाओं को रिपोर्ट लिखाने के लिए बातचीत से उनके जख्मों पर मरहम लगाते हुए उनको आगे आने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। राज्य के चुराचांदपुर रिलीफ कैंप में लोकलाज का डर त्यागकर एक महिला और सामने आई है। पुलिस को उसने जो अपनी आपबीती सुनाई वह रोंगटे खड़े करने वाले हैं। 37 वर्षीय पीड़िता ने पुलिस को दर्ज कराई अपनी रिपोर्ट में बताया कि 3 मई को कुकियों की एक रैली के बाद जिले में हिंसा भड़क चुकी थी। उसके घर पर हमला हुआ। घर को जला दिया गया। भीड़ के डर से वह अपने दो बेटों, भतीजी और भाभी के साथ किसी तरह वहां से निकल भागी। लेकिन भीड़ ने उसे पकड़ लिया। पुरुषों के ग्रुप ने उसके साथ गैंगरेप किया। वह रोती-चिल्लाती रही लेकिन किसी को दया न आई। भीड़ ने गैंगरेप के बाद उसे वहीं छोड़ दिया।
महिला ने बताया: 3 मई की शाम 6.30 बजे जब उपद्रवियों ने उनके और उनके पड़ोसियों के घरों में आग लगाना शुरू कर दिया तो वह, अपने दो बच्चे, भतीजी और भाभी के साथ भागी। मैंने अपनी भतीजी को अपनी पीठ पर बिठाया और अपने दोनों बेटों को भी पकड़ लिया और अपनी भाभी के साथ घटनास्थल से भागने लगी। वह भी अपनी पीठ पर एक बच्चे को लेकर मेरे आगे दौड़ रही थी। तभी मैं लड़खड़ा गई और गिर गई। मैं सड़क पर थी और उठने में असमर्थ थी... मेरी भाभी मेरी ओर दौड़ती हुई वापस आई और मेरी भतीजी को मेरी पीठ से उठाया। भीड़ पीछे से आ रही थी, मेरे जोर देने पर अपने दोनों बेटों के साथ भाग गई। जब मैं उठी तो देखा भीड़ उसतक आ चुकी है। 5-6 लोगों ने उसे पकड़ लिया। गाली-गलौच के साथ मारपीट किया। वह विरोध करती रही लेकिन नीचे जमीन पर पटक दिया। इसके बाद भीड़ में शामिल लोग एक के बाद एक ने उसके साथ वहीं रेप किया। गैंगरेप के बाद वह आगे बढ़ गए।
लोकलाज के डर से चुप रही
पीड़िता वर्तमान में चुराचांदपुर के रिलीफ कैंप में रह रही। जब अन्य तमाम महिलाएं अपनी रिपोर्ट लिखाने लगी तो वह भी सामने आई है। पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर लिया है। पीड़िता की तहरीर पर आईपीसी की धारा 376डी, 354, 120बी और 34 के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस को महिला ने बताया कि उसने शुरू में अपने परिवार के सम्मान और सम्मान की रक्षा के लिए और साथ ही सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिए घटना का खुलासा करने से परहेज किया था। वह सामाजिक कलंक के बोझ के कारण सामने नहीं आ रही थी। उसने बताया कि उसने कई बार आत्महत्या के बारे में भी सोचा। पीड़िता का बयान बिष्णुपुर थाने में दर्ज किया गया है।
महिलाओं का न्यूड परेड कराने का मामला सामने आने के बाद कार्रवाई हुई शुरू
हाल के दिनों में मणिपुर में पुरुषों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को सार्वजनिक रूप से न्यूड परेड कराने और गैंगरेप की घटना का वीडियो वायरल हुआ था। और नग्न घुमाने की भयावह घटना देखी गई, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ। आक्रोश के कारण त्वरित कार्रवाई हुई, जिससे वीडियो में दिखाई देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी हुई।
मणिपुर पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, 3 मई से 30 जुलाई तक तीन महीने की अवधि के दौरान 6,500 से अधिक पुलिस मामले दर्ज किए गए। इनमें से अधिकांश मामले आगजनी, लूटपाट और घरेलू संपत्ति के विनाश से संबंधित थे। ये मामले आगजनी (4,454), लूटपाट (4,148), घरेलू संपत्ति का विनाश (4,694), और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान (584) का है।
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