सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। राहत शिविरों में भोजन और दवा का इंतजाम किया जाए। धर्म स्थलों की रक्षा के इंतजाम किए जाएं।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर में हो रही हिंसा (Manipur Violence) पर केंद्र सरकार को निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों के लिए भोजन और दवाओं का इंतजाम किया जाए। लोगों की संपत्ति और पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रबंध किए जाएं।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल से कहा कि सभी जरूरी इंतजाम का ध्यान रखा जाए। राहत शिविरों में भोजन और दवा का प्रबंध होना चाहिए। विस्थापित लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था हो। पूजा स्थलों की सुरक्षा की जानी चाहिए। अधिकारी सेना अस्पताल या किसी अन्य हॉस्पिटल में इलाज की जरूरतों के लिए आवश्यक व्यवस्था करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मणिपुर के लोगों की सुरक्षा है हमारी चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी चिंता मणिपुर के लोगों की सुरक्षा, राज्य में स्थिरता और हिंसाग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने की है। यह मानवीय मामला है। हमारे पास इस बात पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है कि सॉलिसिटर जनरल कुछ नहीं कर रहे हैं।
मणिपुर की स्थिति पर दायर याचिकाओं पर हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश मणिपुर की स्थिति पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिए। एक याचिका भाजपा विधायक द्वारा भी दायर की गई है। विधायक ने मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। वहीं, एक आदिवासी संगठन ने जनहित याचिका दायर कर मणिपुर में हुई हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा-आरक्षण के मुद्दे पर बाद में हो सुनवाई
केंद्र और मणिपुर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में रविवार और सोमवार को कर्फ्यू में ढील दी गई। केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि स्थिति पर नजर रखने के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। विस्थापित हुए लोगों के ठहरने के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं। यहां भोजन उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण के मुद्दे पर बाद में सुनवाई करने का आग्रह किया।