मणिपुर राज्य अब 'स्टेटलेस'...स्थिति सीरिया से बद्तर... दु:खी सेना के पूर्व जनरल ने किया ट्वीट

इंफाल में रहे सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने ट्वीट कर कहा, राज्य अब 'स्टेटलेस' है। यहां के हालात लेबनान, लीबिया, नाईजीरिया और सीरिया से बद्तर हो चुके हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 16, 2023 5:33 PM IST / Updated: Jun 16 2023, 11:06 PM IST

Manipur Violence updates: मणिपुर जल रहा है। राज्य में रहने वाले आम से खास तक डर और जीवन की अनिश्चिंतता में जी रहे हैं। केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में उपद्रवियों द्वारा आग लगाए जाने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की कोशिशों के बावजूद खौफ बढ़ गया है। इंफाल में रहे सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने ट्वीट कर कहा, राज्य अब 'स्टेटलेस' है। यहां के हालात लेबनान, लीबिया, नाईजीरिया और सीरिया से बद्तर हो चुके हैं।

क्या कहा रिटायर्ड जनरल ने मणिपुर हिंसा पर?

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) निशिकांत सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मैं मणिपुर से सेवानिवृत्त जीवन जीने वाला एक साधारण भारतीय हूं। राज्य अब 'स्टेटलेस' है। लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया, आदि की तरह जीवन और संपत्ति किसी के भी द्वारा कभी भी नष्ट की जा सकती है। ऐसा लगता है कि मणिपुर को उसकी अपनी स्थिति पर छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन रहा है?

 

 

भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख ने किया रिप्लाई...

भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने मणिपुर की स्थिति पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया है। जनरल मलिक ने राज्य में खराब स्थिति पर मणिपुर के सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी निशिकांत सिंह के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने के लिए कहा।

 

 

जनरल मलिक ने ट्वीट किया कि मणिपुर से एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल का एक असाधारण दुखद कॉल। मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

3 मई से जल रहा मणिपुर...

मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है। इस हिंसा में सवा सौ से अधिक जानें जा चुकी हैं। हजारों लोगों के घर तबाह हो चुके हैं। पहली जून को मणिपुर के तीन दिवसीय दौरे से लौटने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सामान्य स्थिति लाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी। हालांकि, सारी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। केंद्र द्वारा गठित एक शांति समिति स्थिति को नियंत्रण में लाने में असफल रहीं। वह इसलिए क्योंकि इस शांति समिति में कुकी और मेइती समाज के लोगों ने शामिल होने से इनकार कर दिया। इंफाल और आसपास के क्षेत्रों में लगातार उपद्रव जारी है। हिंसा और आगजनी पर नियंत्रण के लिए सुरक्षा बलों को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ रही है। एक दिन पहले ही उपद्रवियों ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में आग लगा दी थी। पहले भी कई मंत्रियों व विधायकों आदि के घरों को उपद्रवी आग के हवाले कर चुके हैं।

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