Manipur Violence: इंफाल में दहशत फैलाने के लिए स्कूल के सामने महिला को गोली मारी

Published : Jul 06, 2023, 03:28 PM ISTUpdated : Jul 07, 2023, 12:42 AM IST
manipur violence

सार

मणिपुर में बीते 3 मई को मैतेई और कूकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष से भड़की हिंसा लगातार जारी है। राज्य में सवा सौ लोगों से अधिक की जान चली गई है। हजारों लोग इस हिंसा की वजह से बेघर हो चुके हैं।

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। हालांकि, स्थितियों को सामान्य करने के लिए राज्य में दोबारा स्कूलों को खोला गया है। अगले दिन गुरुवार को दहशत फैलाने के लिए इंफाल पूर्वी जिला के स्कूल के बाहर एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद दहशत फैल गई। उधर, दिन में ही मपाओ और अवांग सेकमाई क्षेत्र के दो सशस्त्र समूहों के बीच कांगपोकपी में टकराव के पहले ही सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाल लिया तो यह विफल हुआ।

पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने की कोशिश

अधिकारियों ने बताया कि हिंसा की एक अन्य घटना में भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने की कोशिश की। हालांकि, यहां विफल होने के बाद दंगाईयों ने थौबल जिले में आईआरबी जवान के घर में आग लगा दी।

इंफाल में टकराव के दौरान एक मौत, दस घायल

बुधवार को हुए एक घातक टकराव के दौरान कई लोग घायल हो गए। इस झड़प में 27साल के रोनाल्डो नामक व्यक्ति की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। जबकि दस अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। सभी दस लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिसमें आधा दर्जन की सीरियस हाल में हैं।

दस जुलाई तक इंटरनेट बैन

राज्य में हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए दो महीने से अधिक समय से इंटरनेट पर बैन है। 3 मई को शुरू हुई हिंसा के बाद अफवाहों की वजह से और हिंसा न फैले, इसलिए इंटरनेट को बंद कर दिया गया था। हिंसा लगातार जारी है। इसलिए समय-समय पर इंटरनेट बैन की तारीखों को भी एक्सटेंड किया जा रहा है। अब 10 जुलाई तक इंटरनेट बैन कर दिया गया है।

हिंसा थम नहीं रहा राज्य में…

मणिपुर राज्य में 3 मई से जारी हिंसा लगातार जारी है। मैतेई और कूकी समुदायों के बीच हो रही इस हिंसा में सवा सौ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। कई हजार लोग बेघर हो चुके हैं। सैकड़ों घरों को आग के हवाले दंगाई कर चुके हैं। राज्य में शांति बहाली के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर उनके सहयोगी राज्यमंत्री नित्यानंद राय के अलावा सेना व सुरक्षा बलों के बड़े अफसर कैंप कर चुके हैं। शांति बहाली की हर कोशिश नाकाम साबित हो रही हैं।

यह भी पढ़ें:

कनाडा में भारत विरोधी खालिस्तानी पोस्टर्स पर विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिक्रिया: कनाडाई हाईकमीशन को समन भेजा

PREV

Recommended Stories

इंडिगो संकट: आखिर ऐसा क्या हुआ कि सरकार को कहना पड़ा-नियमों पर कोई बातचीत नहीं होगी?
केंद्र का कड़ा फैसला: आखिर इंडिगो की 115 फ्लाइट्स क्यों हटा दी गईं? वजह चौंकाने वाली