Mann Ki Baat: बच्चों से PM की अपील- अपनाएं नई हॉबी, तराशें हुनर

Published : Mar 30, 2025, 01:14 PM IST
Children in classroom

सार

पीएम मोदी ने 'मन की बात' में बच्चों से गर्मी की छुट्टी में नई हॉबी अपनाने और हुनर तलाशने की अपील की। उन्होंने जल संरक्षण के महत्व पर भी जोर दिया और बारिश की बूंदों को बचाने के लिए कहा।

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में बच्चों से खास अपील की। उन्होंने गर्मी की छुट्टी के दौरान बच्चों से नई हॉबी अपनाने और अपने हुनर तलाशने की अपील की।

मन की बात के 120वें एपिसोड में नरेंद्र मोदी ने कहा, "गर्मियों के दिन बड़े होते हैं। इसमें बच्चों के पास करने को बहुत कुछ होता है। यह समय किसी नई हॉबी अपनाने के साथ ही अपने हुनर को और तराशने का भी है। आज बच्चों के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म की कमी नहीं, जहां वे काफी कुछ सीख सकते हैं।"

पीएम ने कहा, "युवा साथियों, मैं आज आपसे MY Bharat के उस खास कैलेंडर की भी चर्चा करना चाहूंगा, जिसे इस समर वेकेशन के लिए तैयार किया गया है। मैं इस कैलेंडर से कुछ अनूठे प्रयासों को शेयर करना चाहता हूं।"

उन्होंने कहा, "माई भारत के स्टडी टूर में आप ये जान सकते हैं कि हमारे 'जन औषधि केंद्र' कैसे काम करते हैं । आप vibrant village अभियान का हिस्सा बनकर सीमावर्ती गांवों में एक अनोखा अनुभव ले सकते हैं। इसके साथ ही वहां सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों का हिस्सा जरूर बन सकते हैं। वहीं, अंबेडकर जयंती पर पदयात्रा में भागीदारी कर आप संविधान के मूल्यों को लेकर जागरूकता भी फैला सकते हैं।"

पीएम मोदी ने की बारिश की बूंदों को बचाने की अपील

जल संरक्षण की अपील करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, "बारिश की बूंदों को संरक्षित करके हम बहुत सारा पानी बर्बाद होने से बचा सकते हैं। पिछले कुछ सालों में इस अभियान के तहत देश के कई हिस्सों में जल संरक्षण के अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। मैं आपको एक दिलचस्प आंकड़ा देता हूं। पिछले 7-8 साल में नए बने टैंक, तालाब और अन्य वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर से 11 बिलियन क्यूबिक मीटर से भी ज्यादा पानी का संरक्षण हुआ है।"

उन्होंने कहा, "कर्नाटका के गडग जिले के लोगों ने मिसाल कायम की है। कुछ साल पहले यहां के दो गांव की झीलें पूरी तरह सूख गईं। एक समय ऐसा भी आया जब वहां पशुओं के पीने के लिए भी पानी नहीं बचा। धीरे-धीरे झील घास-फूस और झाड़ियों से भर गई, लेकिन गांव के कुछ लोगों ने झील को पुनर्जीवित करने का फैसला किया और काम में जुट गए। गांव के लोगों के प्रयास देखकर आसपास की सामाजिक संस्थाएं भी उनसे जुड़ गईं। सब लोगों ने मिलकर कचरा और कीचड़ साफ किया और कुछ समय बाद झील वाली जगह बिल्कुल साफ हो गई।"

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