जानिए कैसे होता है राज्यसभा उपसभापति का चुनाव; एनडीए के हरिवंश का विपक्ष के मनोज झा से मुकाबला

Published : Sep 14, 2020, 09:51 AM ISTUpdated : Sep 14, 2020, 11:42 AM IST
जानिए कैसे होता है राज्यसभा उपसभापति का चुनाव; एनडीए के हरिवंश का विपक्ष के मनोज झा से मुकाबला

सार

संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए आज चुनाव होना है। एनडीए की ओर से एक बार फिर जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह उम्मीदवार हैं तो विपक्ष की ओर से आरजेडी के सांसद मनोज झा मैदान में हैं। यह उप सभापति के लिए 20वीं बार चुनाव हो रहा है।

नई दिल्ली. संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए आज चुनाव होना है। एनडीए की ओर से एक बार फिर जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह उम्मीदवार हैं तो विपक्ष की ओर से आरजेडी के सांसद मनोज झा मैदान में हैं। यह उप सभापति के लिए 20वीं बार चुनाव हो रहा है। अभी तक 14 बार सर्वसम्मति से राज्यसभा का उप सभापति चुना गया है। वहीं, अब तक सिर्फ 6 बार वोटिंग की नौबत आई है।  

खास बात ये है कि हरिवंश सिंह और मनोज झा दोनों बिहार की राजनीति से आते हैं। ऐसे में उप सभापति पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। 

कब होता है चुनाव?
उपसभापति एक संवैधानिक पद है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 89 के मुताबिक, राज्यसभा का सांसद उपसभापति पद के लिए चुना जा सकता है। उपसभापति का पद उपसभापति के इस्तीफे, पद से हटाए जाने या पद पर आसीन राज्यसभा सांसद का कार्यकाल खत्म होने के साथ खाली हो जाता है। उपसभापति हरिवंश नारायण का कार्यकाल 9 अप्रैल को खत्म हो गया। इसी के चलते उपसभापति पद के लिए चुनाव हो रहा है। हरिवंश 2018 में कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को हराकर जीते थे। 
 
कैसे होता है चुनाव?  
राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के लिए कोई भी राज्यसभा सांसद उपसभापति पद के लिए किसी भी साथी सांसद का नाम का प्रस्ताव बढ़ा सकता है। इस प्रस्ताव पर अन्य सांसदों का समर्थन भी जरूरी है। प्रत्येक सांसद को केवल एक प्रस्ताव को आगे बढ़ाने या उसके समर्थन की अनुमति है। वहीं, अगर किसी प्रस्ताव में एक से ज्यादा सांसद के नाम आते हैं तो सदन का बहुमत तय करता है कि कौन उपसभापति बनेगा। अगर सभी राजनीतिक दल एक सांसद को लेकर सहमति बना लेते हैं तो सर्वसम्मति से राज्यसभा का उपसभापति चुन लिया जाता है। 
 
कौन किसके समर्थन में?
राज्यसभा में 245 सदस्य हैं। भाजपा के पास 87, वहीं, एनडीए के पास नामित सदस्यों समेत 116 सदस्य हैं। ऐसे में हरिवंश नारायण को बहुमत के लिए 123 सदस्य चाहिए। ऐसे में अगर एनडीए को केसीआर की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के 7 सदस्यों, जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर के 6 सदस्यों और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद के 9 सदस्यों का समर्थन मिलता है तो हरिवंश आसानी से जीत जाएंगे। 

मनोज झा के पक्ष में कितने सांसद
उधर, आरजेडी के उम्मीदवार मनोज झा के समर्थन में विपक्ष के तमाम दल आए हैं। इसमें कांग्रेस (40), वामदल (6), डीएमके (7), आरजेडी (5), शिवसेना (3),  एनसीपी (4), मुस्लिम लीग (1), जेडीएस (1), टीडीपी (1) का समर्थन हासिल है। इसके अलावा सपा (8), टीएमसी (13), पीडीपी (2) और नेशनल कॉफ्रेंस (1) भी पक्ष में हैं। मनोज झा की नजर बसपा के 4 और आम आदमी पार्टी के 4 सांसदों पर है।

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