
MEA Fact Check: सोशल मीडिया पर ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि अगर अमेरिका की आर्थिक नीतियां खिलाफ बनी रहीं तो भारत उसके साथ कुछ द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित या समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। दावे को असली दिखाने के लिए साथ में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की तस्वीर भी लगाई गई। रविवार को विदेश मंत्रालय ने इन दावों को खारिज कर दिया। दो एक्स हैंडल (Middle Eastern Affairs, China in English) के अंग्रेजी में एक स्नैपशॉट पोस्ट करते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा: "एक्स पर गलत सूचना फैलाई जा रही है"।
यह ऐसे समय में हुआ है जब भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। ट्रंप ने रूसी हथियार और तेल खरीदने पर भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मृत कहा है।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्वदेशी की भावना को पुनर्जीवित करने की अपील की। उन्होंने भारतीयों से स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्राथमिकता देने और बढ़ती वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के सामने एकजुट होने की अपील की। वाराणसी में एक जनसभा में पीएम मोदी ने चेतावनी दी कि विश्व अर्थव्यवस्था अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर में प्रवेश कर रही है। अब समय आ गया है कि हर भारतीय, चाहे वह किसी भी राजनीतिक विचारधारा का हो, पक्षपात से ऊपर उठकर स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करे।
प्रधानमंत्री ने कहा, "यह सिर्फ मोदी के कहने की बात नहीं है, बल्कि हर भारतीय को यह कहना चाहिए। अगर हम चाहते हैं कि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने, तो हर राजनीतिक दल और हर नेता को अपनी झिझक छोड़कर राष्ट्रहित में काम करना होगा। लोगों में स्वदेशी की भावना जगानी होगी।"