बेंगलुरु में माइक्रोसॉफ्ट के सीनियर इंजीनियर रिक्शा चलाते मिले हैं। वह यह काम पैसे कमाने के लिए बल्कि अकेलेपन को दूर करने के लिए करते हैं।
बेंगलुरु। ऑटो रिक्शा आमतौर पर गरीब लोग पैसे कमाने के लिए चलाते हैं, लेकिन बेंगलुरु में माइक्रोसॉफ्ट के सीनियर इंजीनियर यह काम करते मिले हैं। इंजीनियर यह काम पैसे के लिए नहीं कर रहे हैं। दरअसल, वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए सप्ताहांत में ऑटो ड्राइव करते हैं।
एक्स पर वेंकटेश गुप्ता नाम के यूजर ने उनकी तस्वीर शेयर की है। इसमें एक जवान व्यक्ति को ऑटो के ड्राइविंग सीट पर बैठे देखा जा सकता है। वह जिंस पैंट और हूडी पहने हुए हैं। हूडी पर अंग्रेजी में माइक्रोसॉफ्ट लिखा है। वेंकटेश ने अपने पोस्ट में लिखा, "कोरमंगला में माइक्रोसॉफ्ट के 35 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से मुलाकात हुई। वह सप्ताहांत में अकेलेपन से निपटने के लिए नम्मा यात्री की गाड़ी चलाते हैं।" इस पोस्ट पर गंभीर बहस शुरू हो गई है।
वेंकटेश के पोस्ट पर बहुत से लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। अंकित श्रीवास्तव नामक एक तकनीकी विशेषज्ञ ने लिखा कि यह यह सच है तो बहुत दुखद है। बहस में भाषा विवाद भी शामिल हो गया। एक यूजर ने मजाक करते हुए लिखा, "ऐसा तब होता है जब आप एक शहर (बीएलआर) में केवल एक ही भाषा बोलते हैं, जहां 50% से ज्यादा लोग बाहरी हैं।"
दरअसल, बेंगलुरु में बाइक टैक्सी ड्राइवर या ऑटो ड्राइवर के रूप में तकनीकी विशेषज्ञों को देखना नई बात नहीं है। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार अपने घर से दूर आकर जॉब करने वाले बहुत से लोगों को अकेलेपन का सामना करना होता है। सप्ताहांत की छुट्टियों के दौरान इनके पास करने के लिए कोई काम नहीं होता, खाली वक्त काटने के लिए कुछ लोग अलग-अलग तरह के काम करने लग जाते हैं। इससे एक्स्ट्रा पैसे मिलते हैं और समय भी कट जाता है।
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रैपिडो बाइक टैक्सी चलाते मिले थे तकनीकी विशेषज्ञ
इससे पहले बेंगलुरु में एक तकनीकी विशेषज्ञ रैपिडो बाइक टैक्सी चलाते मिले थे। वह हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड में कर्मचारी थे। उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। अपनी जरूरतें पूरी करने और नई नौकरी के लिए तकनीकी विशेषज्ञों से जान पहचान बनाने के लिए वह बाइक टैक्सी चलाने लगे थे।
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