कमांडर-मेजर जनरल स्तर की 15 चर्चा के बाद अब हुई लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बैठक, 5 घंटे चली वार्ता

शनिवार को हुई बैठक में भारत की ओर 14 वीं कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने मेजर जनरल लियू लिन के साथ बातचीत की। लिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दक्षिण झिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 6, 2020 2:50 AM IST / Updated: Jun 29 2020, 08:21 PM IST

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब 1 महीने से विवाद चल रहा है। दोनों देश इस विवाद को बातचीत से हल करने के पक्ष में हैं। इसी क्रम में शनिवार को दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बैठक हुई। हालांकि, इसस पहले भी इस विवाद को सुलझाने के लिए 12 लोकल कमांडर-3 मेजर जनरल स्तर की बैठक भी हो चुकी हैं। 

शनिवार को हुई बैठक में भारत की ओर 14 वीं कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने मेजर जनरल लियू लिन के साथ बातचीत की। लिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दक्षिण झिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं।

कौन हैं कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह?
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह लेह स्थित 14 कॉर्प्स के कमांडर हैं। 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' के उपनाम वाले 14 कॉर्प्स भारतीय सेना के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान का हिस्सा है। इस कॉर्प्स के बारे में कहा जाता है कि यह सबसे शत्रुतापूर्ण इलाके, मौसम और ऊंचाई की चुनौतियों का सामना करती है।

क्या है विवाद?
चीन ने लद्दाख के गलवान नदी क्षेत्र पर अपना कब्जा बनाए रखा है। यह क्षेत्र 1962 के युद्ध का भी प्रमुख कारण था। जमीनी स्तर की कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। सेना को स्टैंडिंग ऑर्डर्स का पालन करने को कहा गया है। इसका मतलब है कि सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)से घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए बल का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। बता दें कि भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। ये सीमा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुज़रती है। ये तीन सेक्टरों में बंटी हुई है। पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर, मिडिल सेक्टर यानी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश।

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