
PF Minimum Pension: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। संसद की एक समिति ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये करने की सिफारिश की है। बता दें कि पिछले 10 साल से भी ज्यादा समय से मिनिमम पेंशन में कोई इजाफा नहीं किया गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 2014 में ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स को मिलने वाली न्यूनतम पेंशन 250 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति माह तय की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, BJP सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि EPFO की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन में इजाफा किया जाए। समिति का कहना है कि 2014 की तुलना में 2024 में महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है, जिसका बोझ सीधे लोगों पर पड़ रहा है। ऐसे में कम से कम उन्हें बढ़ी महंगाई के मुताबिक ही मिनिमम पेंशन मिलनी चाहिए। सरकार को पेंशनर्स और उनके परिवार का ध्यान रखते हुए इसे जल्द से जल्द बढ़ाने पर फैसला लेना चाहिए। ट्रेड यूनियनों और पेंशनर्स संघ लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर कम से कम 7500 रुपये महीना किया जाए। इसके पीछे उनका तर्क है कि महंगाई बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में न्यूनतम पेंशन में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए।
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की के मूल वेतन पर 12 प्रतिशत की कटौती EPF खाते के लिए की जाती है। वहीं, कंपनी भी इतना ही पैसा कर्मचारी के PF खाते में जमा करती है। एम्प्लॉयर की ओर से जमा किए जाने वाली रकम में से 8.33% हिस्सा ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जमा होता है, जबकि बचा हुआ 3.67% हिस्सा पीएफ में जाता है।