सोशल मीडिया मध्यस्थों के बीच हस्तक्षेप नहीं करती सरकार: राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सांसद अजय निषाद के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार सोशल मीडिया मध्यस्थों के बीच हस्तक्षेप या उनका नियंत्रण नहीं करती है। 

Contributor Asianet | Published : Feb 8, 2023 12:33 PM IST

नई दिल्ली। सरकार सोशल मीडिया मध्यस्थों के बीच हस्तक्षेप या उनका नियंत्रण नहीं करती है। सरकार यूजर्स पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संबंधी कोई रोक भी नहीं लगाती है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह जानकारी बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी।

मंत्री ने कहा कि आईटी नियम-2021 मध्यस्थों पर यह विशिष्ट दायित्व डालते हैं कि कोई भी मध्यस्थ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए संविधान के तहत नागरिकों को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा। बिहार के मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद के प्रश्नों का उत्तर देते हुए आईटी राज्यमंत्री ने कहा, "सरकार का उद्देश्य डिजिटल नागरिकों के लिए एक खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है।"

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 में संशोधन की अधिसूचना जारी की है। यह नियम मध्यस्थों पर विशिष्ट दायित्व डालते हैं कि किस प्रकार की जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, प्रकाशित, प्रसारित, संग्रहीत या साझा किया जाना है।

मंत्री ने कहा कि मध्यस्थों को उस समय लागू किसी भी कानून का उल्लंघन करनेवाली किसी भी सामग्री को हटाने की आवश्यकता होती है जब उन्हें या तो अदालत के आदेश के माध्यम से या सरकार या उसकी किसी अधिकृत एजेंसी द्वारा नोटिस के माध्यम से बताया जाता है। राज्यमंत्री की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, आईटी नियम-2021 में दिए गए कार्य का अनुपालन करने में विफल पाए जाने पर मध्यस्थ आईटी नियम की धारा-79 के तहत दायित्व में अपनी छूट को खो देंगे और देश के कानून के तहत उनके खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे।

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इसके अलावा, अगर कोई मध्यस्थ महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ है और जिसका भारत में 50 लाख से अधिक पंजीकृत यूजर्स यानी उपयोगकर्ता हैं तो वह भारत में एक शिकायत अधिकारी, एक मुख्य अनुपालन अधिकारी और एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा। कंपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चैबीसों घंटे समन्वय बनाने के लिए संपर्क व्यक्ति रखेगी। आईटी नियम 2021 के अनुसार, मुख्य अनुपालन अधिकारी आईटी नियम और उसके तहत बनाए गए निमयों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।

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2022 में बंद कराए गए 6,775 URL
आईटी राज्यमंत्री ने आगे बताया कि आपत्तिजनक सामग्री या उनके खातों के निलंबन के संबंध में शिकायतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने तीन शिकायत अपीलीय समितियों की भी स्थापना की है ताकि आईटी नियम के अनुसार उपयोगकर्ता शिकायतों पर मध्यस्थ के शिकायत अधिकारी द्वारा लिए गए निर्णयों के खिलाफ अपील कर सकें। भाजपा सांसद के एक अन्य सवाल के जवाब में राज्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2022 में कुल 6,775 यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर यानी यूआरएल को बंद करने के लिए निर्देश जारी किए गए।

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